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सीएम के बाद डीजीपी एसके सिंघल पत्रकारों पर भड़के, मुख्यमंत्री नीतीश के कार्यकाल की ही बखिया उधेड़ दी...

By एस पी सिन्हा | Updated: January 16, 2021 19:28 IST

बिहार में हत्या के एक बड़े मामले को लेकर पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा तब दोनों तरफ से गरमागरम बहस हुई थी.

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ठळक मुद्देडीजीपी ने यह कह डाला कि उनके कार्यकाल में नहीं बल्कि 2019 में बिहार में अपराध में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी पर पत्रकार क्यों नही बोलते.कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्रकारों पर भड़कने के बाद आज बारी थी बिहार के डीजीपी एसके सिंघल की.राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे. ऐसे में अगर प्रश्न उठता है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही उठता है.

पटनाः बिहार में अपराध की हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी और पत्रकारों के द्वारा सवालों के घेरे में आये सूबे के डीजीपी अब अपना आपा भी खोने लगे हैं.

डीजीपी एस के सिंघल भी राज्य में बढ़ते अपराध पर पत्रकारों के सवालों पर ऐसा बौखलाए कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल की ही बखिया उधेड़ कर रख दी. डीजीपी ने यह कह डाला कि उनके कार्यकाल में नहीं बल्कि 2019 में बिहार में अपराध में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी पर पत्रकार क्यों नही बोलते.

लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे

पत्रकारों को उस दौर की भी बात करनी चाहिये. तब शायद डीजीपी साहब यह भूल गये थे कि उस वक्त भले ही डीजीपी की कुर्सी पर कोई और था, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे. ऐसे में अगर प्रश्न उठता है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही उठता है. कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्रकारों पर भड़कने के बाद आज बारी थी बिहार के डीजीपी एसके सिंघल की.

उन्होंने भी पत्रकारों को जमकर खरी खोटी सुनाई और आंकडे़ गिनाते हुए कहा कि “हमारे कार्यकाल में अपराध में भारी कमी आई है. हमने 2019 और 2020 की हमने तुलना की है. 2019 की तुलना में 2020 में सारे अपराध में भारी कमी आई है. इससे पहले हमने 2018 और 2019 के अपराध की तुलना की थी.

2019 में सारे आपराधिक वारदातों में भारी वृद्धि हुई

2019 में सारे आपराधिक वारदातों में भारी वृद्धि हुई. हमारे समय अपराध में कमी आई. हां, 2019 में अपराध में वृद्धि हुई. आप पत्रकार उसकी चर्चा नहीं करते कभी. 2019 में जो अपराध बढ़ा, उसकी बात क्यों नहीं करते आप लोग.” दरअसल, डीजीपी आज आला अधिकारियों के साथ पटना के एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे.

पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के साथ पटना पुलिस के तमाम अधिकारियों की लंबी बैठक चली. फिर डीजीपी बाहर निकले तो पत्रकारों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया. पत्रकारों ने पूछा कि अपराध इतना बढ़ गया है और पुलिस क्या कर रही है? डीजीपी एस के सिंघल ने आंकडे़ गिनाने शुरू कर दिये. 2018, 2019, 2020 और इस साल के पहले महीने का.

ऐसे में अपनी उअपलब्धि गिनाने के चक्कर में डीजीपी एसके सिंघल नीतीश कुमार की ही पोल खोल गये. वे शायद भूल गये कि 2019 में भी बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री थे. उस दौरान अगर अपराध बढा था तो उसका भी दोष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माथे पर ही आयेगा. लेकिन शायद मौजूदा डीजीपी अपने पूर्व के डीजीपी पर निशाना साध रहे थे.

डीजीपी ने कहा कि बिहार का कानून-व्यवस्था सबसे अच्छा

डीजीपी ने कहा कि बिहार का कानून-व्यवस्था सबसे अच्छा है. पत्रकारों से उन्होंने कहा कि वे 25-30 दिन का अखबार उठा कर पढ ले. उन्हें पता चल जायेगा कि बिहार मे कितना अच्छा माहौल है. आंकडा सामने है और बिहार में अपराध का आंकड़ा देश में सबसे अच्छा है. बिहार में ऐसा कोई केस नहीं होता जो दो-तीन दिनों में हल नहीं होता. बिहार पुलिस अधिकतम केस का सही उद्भेदन कर रही है. बिहार में तो सीबीआई कई केस का सही जांच नहीं कर पाई, लेकिन बिहार पुलिस ये काम सही से कर रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह पत्रकारों पर भड़के डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि वे आंकड़ा दे रहे हैं और आंकड़ा झूठ नहीं बोलता. आंकड़ा बता रहा है कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है. लेकिन कुछ लोग बिना तथ्यों के बार-बार कुछ बात बोल रहे हैं. लेकिन वे सत्य को असत्य नहीं बना सकते. अगर कोई तबका अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है तो ये अच्छी बात नहीं है. झूठ बोलकर वे कुछ हासिल नही कर सकते. झूठ बोलकर, भ्रामक बातें बोलकर असत्य को सत्य नहीं बनाया जा सकता है. 

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