बिहार: अब शनिवार को स्कूलों में होगा "नो बैग डे", मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ
By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2022 05:09 PM2022-11-11T17:09:33+5:302022-11-11T17:16:12+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक दिवस के मौके पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना की शुरुआत की। इसके साथ ही समारोह में नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि आगे से बिहार के सभी स्कूलों में हर शनिवार को "नो बैग डे" के तौर पर मनाया जाएगा।
पटना:बिहार के स्कूलो में अब पठन-पाठन के साथ ही स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाएगा और स्कूलों को बेहतर तरीके से स्वच्छ रखने वाले शिक्षक एवं छात्रों के समूह को पुरस्कार भी दिया जाएगा। शिक्षा दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना की शुरुआत की। समारोह में मुख्यमंत्री ने स्कूलों में शनिवार को "नो बैग डे" डे योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने शिक्षा दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने की दिशा में यह एक बड़ी पहल है। बच्चे अब पांच दिन पढाई करेंगे, वहीं छठे दिन शनिवार को वे खेलकूद जो शारीरिक तौर पर उन्हें मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में अन्य प्रकार की खेल गतिविधि को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इस तरह से अब स्कूली बच्चे शनिवार को बिना बैग के स्कूल आएंगे। इस दिन बच्चे केवल खेलेंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने स्वच्छ विद्यालय पोर्टल का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अब बच्चों को पोशाक एवं किताब के लिए भेजी जानेवाली राशि उनके एकाउंट में भेजी जायेगी।
इसके साथ ही विद्यालय निरीक्षण एप का भी शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए नवाचारों को अपनाया जा रहा है। इस है में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल और बच्चों को शिक्षा के लिए जागरूक करना मुख्य पहल है। उल्लेखनीय है कि 2008 से पूरे देश में आज की तारीख को शिक्षा दिवस के रूप में मनाई जाती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि वे लोग अपनी बात को ही रखना चाह रहे हैं। उन हैं लोगों को आजादी की लड़ाई से कोई मतलब नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले बिहार से मौलाना अबुल कलाम आजाद की जंयती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। इसके बाद हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया। तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने हमारी बात मानी और 2008 से देश भर दे में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा। आजादी की लड़ाई में इनकी बड़ी भूमिका थी। देश दे में एकता और अमन चैन को लेकर इन्होंने काम किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश आजाद हुआ और जब सरकार बनी तो शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा इन्हें दिया गया था। इन्होंने नए-नए संस्थानों की स्थापना कराई। इस देश में शिक्षा का जो काम हुआ है उस की शुरुआत उन्होंने ही की थी। इतना दिन बीतने के बाद और इतनी बड़ी भूमिका होने के बाद भी इनके बारे में लोगों ने नहीं सोचा।