बिहार: मुकेश सहनी के लिए अब राजद का भी दरवाजा बंद, राबड़ी देवी ने कहा- हमें जरूरत नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: March 25, 2022 07:43 PM2022-03-25T19:43:09+5:302022-03-25T19:43:09+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि मुकेश सहनी ने जैसी करनी की, वैसा भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी को राजद में नहीं बुलाएंगे। अब सहनी को लालू जी की आज याद आ रही है। पहले अपने मन से गए थे, अब नहीं बुलाएंगे।
पटना: एनडीए के अंदर ही भाजपा के द्वारा वीआईपी की सर्जरी से सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी की परेशानी बढ़ गई है। मुकेश सहनी का इस सियासी तोड़ के बाद राजद और कांग्रेस भी मामले में तंज कस रहे हैं। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि मुकेश सहनी ने जैसी करनी की, वैसा भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी को राजद में नहीं बुलाएंगे। अब सहनी को लालू जी की आज याद आ रही है। पहले अपने मन से गए थे, अब नहीं बुलाएंगे।
राबड़ी देवी ने कहा लालू जी ने तो बोलने का हक दिया और फिर यही लोग साथ छोड़कर चले गये थे। मुकेश सहनी से बड़े-बड़े नेता हमारे पार्टी में है। इसलिए हमें मुकेश सहनी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी अपना समझें। अब जाकर उनको लालू प्रसाद याद आ रहे हैं। मुकेश सहनी को राजद के साथ बुलाने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।
राबड़ी देवी ने कहा कि वह अपने मन से गये हैं तो खुद समझें। लालू यादव ने ही सबको चलना सिखाया जो आज अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीठ में छूरा घोंपने का काम तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा ने किया है। उन्होंने भाजपा और जदयू पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू दोनों दूसरे दल को तोड़ने का कम करती हैं। कभी पैसे के बदलौत तो कभी डर दिखा कर। उल्लेखनीय है कि एनडीए में अभी भूचाल मचा हुआ है। भाजपा और मुकेश सहनी की पार्टी में खुलकर तलवार खिंची हुई है। ऐसे में मुकेश सहनी ने हाल में ही कहा था कि आज की स्थिति देखकर मुझे लालू प्रसाद यादव की बात नहीं मानने का अफसोस हो रहा है। अगर उस समय हम उनकी बात मान लेते तो शायद आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।
वीआईपी पार्टी की ताकत को देखकर ही भाजपा ने 11 सीट और एक विधान पार्षद सीट दिया था। इस बीच मुकेश सहनी से चल रही तनातनी के बीच भाजपा ने वीआईपी पार्टी के तीनों विधायकों को अपने दल में शामिल कर लिया। जिसके बाद मुकेश सहनी की पार्टी के एक भी विधायक विधानसभा में नहीं बचे हैं। मुकेश सहनी ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने की बात कही है और ये फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर दे दिया है कि मंत्री पद को लेकर वो क्या तय करेंगे।