बिहार में अब मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिए नही हो सकेगा धनबल का खेल, बदल गई व्यवस्था, अब जनता सीधे चुनेगी
By एस पी सिन्हा | Published: January 14, 2022 04:52 PM2022-01-14T16:52:07+5:302022-01-14T16:56:02+5:30
बिहार की नीतीश कुमार की सरकार की ओर जारी किए गए अध्यादेश को बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश-2022 के नाम से जाना जाएगा. बिहार में 15 साल के बाद नगरपालिका कानून में संशोधन किया गया है.
पटना: बिहार में नगर सरकार के अंदर अब मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता करेगी. इतना ही नहीं मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को भी सीधे जनता चुनेगी. नगर निकायों में इन सर्वोच्च पदों के लिए अब वार्ड प्रतिनिधि वोटर नहीं होंगे बल्कि जनता सीधे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुन पाएगी.
नीतीश कुमार सरकार ने इस पर फैसला ले लिया था और अब बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 का गजट प्रकाशन कर दिया गया है. बिहार में अप्रैल-मई में शहरी निकाय चुनाव होना है. जिसमें मेयर व डिप्टी मेयर और नगर परिषदों व नगर पंचायतों के मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद का चुनाव होना है.
राज्य में अभी तक जनता अपने वार्ड में पार्षद चुनती थी और वो पार्षद ही मेयर या डिप्टी मेयर आदि का चुनाव करते थे. लेकिन अब ये व्यवस्था सरकार ने एक अध्यादेश लाकर बदल दी है. अब जनता के वोट से सीधे मेयर और डिप्टी मेयर आदि का चुनाव होगा. झारखंड व दक्षिण भारत सहित कई राज्यों में अभी यह प्रणाली लागू है. अब बिहार में भी इसे लागू कर दिया गया है.
राज्य के उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 पर राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया गया है. अब जनता सीधे नगर सरकार को चुन पाएगी. विकास योजनाओं के चयन के साथ साथ नगर सरकारों में जो अंदरूनी खींचतान वाली सियासत होती रही है उस पर भी नकेल लग पाएगी.
बिहार के सभी 263 नगर निकायों पर लागू होगा कानून
बिहार सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश-2022 कहा जायेगा. वर्ष 2007 यानी 15 वर्षों के बाद बिहार नगरपालिका कानून में संशोधन किया गया है. संशोधित कानून बिहार के सभी 263 नगर निकायों पर लागू होगा. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अध्यादेश जारी किये जाने की पुष्टि की है.
पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, बिहारशरीफ, आरा, छपरा, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढी, मोतिहारी, बेतिया, सीवान समेत अन्य नगर निगम में मेयर और डिप्टीमेयर का चुनाव होगा. इसके अलावे 263 नगर निकायों में भी सभापति और उपसभापति का भी चुनाव होगा.
कानून में संशोधन के तहत नगरपालिका कानून की दो धारा धारा 23 (1) और धारा 25 में बदलाव लाया गया है. एक में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव का तरीका तो दूसरे में पार्षदों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को बदला गया है. जनता द्वारा चुने गये मेयर-डिप्टी मेयर सीधे सरकार को अपना इस्तीफा देंगे. उनका त्यागपत्र सात दिनों के बाद प्रभावी हो जायेगा, बशर्ते इस अवधि में वे उसे वापस न ले लें.
नये नियम के तहत अब पद से हटाये जाने वाले मेयर-डिप्टी मेयर, नगर पंचायत और नगर परिषद के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद संबंधित निकाय में बांकि अवधि के लिए दोबारा चुनाव नहीं लड पायेंगे. बता दें कि अभी कई जगहों से ये शिकायत सामने आती रही है कि मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर बैठने के लिए धनबल का खेल बड़े पैमाने पर खेला जाता रहा है. इस नई व्यवस्था से अब जनता के हाथ में ही ये ताकत रहेगी कि कौन इन पदों को संभालेंगे.