बिहार: महागठबंधन बिखरा, HAM, VIP के बाद अब कांग्रेस ने भी छोड़ा RJD का साथ
By एस पी सिन्हा | Published: September 26, 2019 08:36 PM2019-09-26T20:36:16+5:302019-09-26T20:36:16+5:30
बिहार की पांच विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन बिखराव की कगार पर जा पहुंचा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम के बाद अब कांग्रेस ने भी महागठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं.
बिहार की पांच विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन बिखराव की कगार पर जा पहुंचा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम के बाद अब कांग्रेस ने भी महागठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं. बिहारकांग्रेस ने भी बड़ा फैसला लेते हुए उपचुनाव में पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार देगी. पार्टी के प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
इसके पहले महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद ने चार तो हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) व विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने भी एक-एक सीट पर उम्मीदवार देने की घोषणा की है. खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इंकार किया है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा है कि पार्टी ने पांचों सीटों पर पैनल तैयार किया है. हमारे सभी कार्यकर्ता पूरे जोश में है.
राठौर ने कहा कि कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर ही रहेगी. राठौर ने कहा कि हमने कुछ दिन भले ही दूसरे को ड्राइवर बना दिया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पैनल से तैयार पांचों नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजा गया है और अब आगे का स्वरूप आलाकमान ही तय करेगा. राठौर ने यह भी कहा कि कांग्रेस के अंदर अच्छी लीडरशिप है और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ही लीड करेगी.
पार्टी की बैठक में हुए इस फैसले से साफ हो गया है कि वर्ष 2019 का चुनाव राजद के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस काफी वक्त बाद अब बिहार के चुनावी मैदान में अकेले उतरेगी. दरअसल, चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के विधायकों और बड़े नेताओं की राय लगातार यह आ रही थी कि कांग्रेस को अपने बूते जनता के बीच जाना चाहिए. बिहार की पांच विधानसभा सीटों और लोकसभा की एक सीट के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं.
इसबीच, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद से ही तेजस्वी यादव का लक्षण सही नहीं है. लगता है एनडीए को लेकर उनके दिल मे सॉफ्ट कार्नर है.
मांझी ने जोर देते हुए कहा कि उपचुनाव में वीआईपी और हम एक दूसरे की मदद करेंगे ये तय हो चुका है फिर भी एक बार और महागबंधन के सभी साथियों के साथ बातचीत कर एनडीए के खिलाफ एकत्रित होने की कोशिश की जाएगी. मांझी ने कहा कि पहले ही जनता की राय और महागठबंधन के सभी नेताओं के साथ चर्चा करके भागलपुर के नाथनगर से अजय राय को उपचुनाव का प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी गई थी मगर राजद ने उन्हें बगैर जानकारी दिए ही वहां पर अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिया.
मांझी ने कहा कि तेजस्वी के इस फैसले से वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी नाराज हैं इसलिए अब नाथनगर में हम फ्रंटफुट से बैकफुट पर नहीं जा सकती है. 2020 में महागठबंधन के नेता के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि निजी स्तर पर तेजस्वी उन्हें पसंद है मगर इसका आखिरी फैसला महागठबंधन को ही करना है.
उपचुनाव को लेकर राजद ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. राजद की तरफ से सुप्रीमो लालू प्रगसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने नाथनगर विधानसभा सीट के लिए रजिया खातून टिकट देने की घोषणा की. हालांकि, नाथनगर सीट पर हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने प्रत्याशी उतारने का दावा करते हुए कहा था कि इस बाबत तेजस्वी यादव से बात हो गई है.
राबड़ी देवी ने बेलहर से रामदेव यादव तथा सिमरी बख्तियारपुर से जफर आलम को टिकट देने की घोषणा कर दी तथा कहा कि पार्टी दरौंदा सीट पर भी अपना प्रत्याशी देगी. इसबीच, वीआइपी ने सिमरी बख्तियारपुर सीट पर उम्मीदवार देने की घोषणा की है. वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने बताया कि सिमरी-बख्तियारपुर से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन होगा. मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि जहां जीतनराम मांझी की पार्टी का उम्मीदवार होगा, वहां वे राजद को समर्थन नहीं देंगे. मांझी ने नाथनगर सीट से अजय राय को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है.