बिहार: कोरोना से बचने के लिए गांव वालों ने लिया बड़ा फैसला, कहा- अब ना कोई भोज होगा और ना ही कोई शामिल होगा
By एस पी सिन्हा | Published: June 4, 2020 06:13 PM2020-06-04T18:13:48+5:302020-06-04T18:13:48+5:30
बिहार के समस्तीपुर के एक गांव में निर्णय लिया गया है कि कोरोना से बचने के लिए किसी तरह के भोज का आयोजन नहीं किया जाएगा और कोई करता भी है तो गांव वाले उसमें शामिल नहीं होंगे।
पटना।बिहार के समस्तीपुर जिला अंतर्गत विभूतिपुर प्रखंड के डीह टभका गांव के ग्रामीणों ने कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया है कि किसी भी तरह का भोज (दावत) का आयोजन नहीं किया जाएगा। यदि कोई भोज करता भी है तो वे इसमें शामिल नहीं होंगे।
दरअसल, नरेश राय की माता बतसिया देवी का निधन विगत 22 मई को हुआ। उनका अंतिम संस्कार बेगूसराय जिला अन्तर्गत अयोध्या घाट मोक्षधाम गंगा तट पर नियमानुसार शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए किया गया। फिलहाल उनका श्राद्धकर्म वैदिक रीति के अनुसार किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीच परंपरा के अनुसार परिवार के लोगों के द्वारा भोज के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई। जिसमें मेन्यू तय किया जाना था। लेकिन, ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि कोरोना माहामारी का दौर चल रहा है। इसलिए विधि विधान से श्राद्धकर्म किया जाए। भोज का आयोज नहीं हो। यदि आयोजन होता भी है तो वे उसमें भाग नहीं लेंगे।
ग्रामीणो का कहना था कि यह समय खुद एवं अपने परिवार, समाज को बचाने का है। भोज में काफी संख्या में लोग जुटते हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी समेत अन्य सुरक्षा मानकों का पालन संभव हो पाता है। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने यह भी फैसला लिया कि कोरोना काल तक गांव में किसी भी प्रकार का भोज नहीं होगा।