Bihar News: स्वास्थ्य विभाग की फिर खुली पोल, ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत, प्रधान सचिव ने मांगी रिपोर्ट
By एस पी सिन्हा | Published: April 17, 2020 07:34 PM2020-04-17T19:34:08+5:302020-04-17T19:34:08+5:30
सिलेंडर और तार(पाइप) का कनेक्शन नहीं किया गया था, ऑक्सीजन की खानापूर्ति की गई. दूसरी तरफ सिविल सर्जन डॉ. विमल कुमार ने बताया कि लड़की कैंसर पीड़ित थी.
पटना:बिहार में स्वास्थ्य विभाग के कारनामों की समय-समय पर पोल खुलती ही रहती है कि अब बिहार के नवादा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. इसमें नवादा सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. मृतक बच्ची के परिजनों का आरोप है कि सिलेंडर और तार का कनेक्शन नहीं जोड़े जाने के कारण बच्ची की मौत हुई है. इस घटना के बारे में बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट सौंपी है.
परिजनों का आरोप है कि गुडिया की हालत खराब होने के बाद सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती जिसके कारण उसकी मौत हो गई. ऑक्सीजन के नाम पर औपचारिकता की गई. सिलेंडर और तार(पाइप) का कनेक्शन नहीं किया गया था, ऑक्सीजन की खानापूर्ति की गई. दूसरी तरफ सिविल सर्जन डॉ. विमल कुमार ने बताया कि लडकी कैंसर पीड़ित थी. उसकी हालत काफी नाजुक थी. अस्पताल प्रशासन के द्वारा जो किया जाना चाहिए था उसे बचाने की हर कोशिश की गई.
यहां उल्लेखनीय है कि जहानाबाद में एम्बुलेंस के लिए भटकते अपने तीन साल के मासूम बच्चे को खो देनेवाली मां की चीत्कार अभी शांत भी नहीं हुई थी कि नवादा से एक बार फिर चिकित्सा सेवा को शर्मसार करनेवाली घटना सामने आई है. हालांकि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन से ट्रीटमेंट डिटेल के साथ ही पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है.
बताया जा रहा है कि नवादा सदर अस्पताल में अपनी बच्ची को लेकर आया पिता बार-बार ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाता रहा. लेकिन उसे ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराय गया. पिता का आरोप है कि उसकी बच्ची को घटिया मास्क दिया गया और ऑक्सीजन नहीं लगाई गई जिससे उसकी मौत हो गई. बेबस और लाचार पिता सिविल सर्जन के सामने बार-बार बोले जा रहा है कि सर, मेरी बेटी को बचाया जा सकता था, आपलोग अगर सजग रहते.
आप लोगों की लापरवाही ने मेरी बच्ची की जान ले ली. इस घटना को लेकर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें बच्ची के पिता दुःख में बिलखते हुए नजर आ रहा है. पिता यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि क्यों कोई भी डॉक्टर या अटेंडेंट मरीज के पास नहीं है. तार (पाइप) टूटा हुआ ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया है.
अस्पताल प्रबंधन के लोगों से वह पूछते हुए दिखाई दे रहा है कि क्या सरकार इस बच्ची की इलाज के लिए पैसे नहीं दी है, आप सिविल सर्जन हैं. आप जवाब दीजिये, आप बताइये कि क्या इस सिलेंडर में ऑक्सीजन है. किसी डॉक्टर ने बच्चे को आला तक नहीं लगाया. गुड़िया कैंसर से जूझ रही थी, लेकिन अस्पताल के लोगों ने उसे खाली सिलेंडर लगा दिया. ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण दम घुटने से बच्ची की मौत हुई है.