बिहार एनडीए संकल्प पत्रः 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग को साध रहा राजग?, आर्थिक उत्थान, शिक्षा, आरक्षण और सम्मान पर विशेष जोर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 31, 2025 15:20 IST2025-10-31T15:00:22+5:302025-10-31T15:20:54+5:30

Bihar NDA manifesto: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने निषाद समाज से आने वाले मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर यह संदेश दिया कि महागठबंधन अब केवल यादव-मुस्लिम समीकरण पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि अति पिछड़ों को जोड़ने का नया सामाजिक समीकरण तैयार करेगा।

Bihar NDA manifesto wooing 36% extremely backward class Special emphasis economic upliftment, education, reservation and respect | बिहार एनडीए संकल्प पत्रः 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग को साध रहा राजग?, आर्थिक उत्थान, शिक्षा, आरक्षण और सम्मान पर विशेष जोर

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Highlights36 फीसदी आबादी वाला यह वर्ग बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है।आयोग गठन और ‘कर्पूरी ठाकुर सम्मान निधि’ जैसी योजनाओं की घोषणा की है।ईबीसी को अपने पक्ष में करने की जोरदार कोशिश शुरू कर दी है। 

पटनाः बिहार की सियासत एक बार फिर अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है, यही वजह है कि अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने भी इस वर्ग को साधने की रणनीति के तहत शुक्रवार को जारी अपने ‘संकल्प पत्र’ में ईबीसी के आर्थिक उत्थान, शिक्षा, आरक्षण और सम्मान पर विशेष जोर दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले राजद, कांग्रेस और वामदलों वाले महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्ग को अपने समर्थन में करने के लिए अलग घोषणा पत्र जारी किया था। करीब 36 फीसदी आबादी वाला यह वर्ग बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिना ईबीसी के समर्थन के किसी भी दल के लिए सत्ता तक पहुंचना आसान नहीं है। राजग ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही, उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय आयोग गठित किया जाएगा।

जो इस वर्ग की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का अध्ययन कर सरकार को सिफारिशें सौंपेगा तथा यह भी तय करेगा कि किस प्रकार ईबीसी समुदाय को मुख्यधारा में लाकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाए। महागठबंधन ने पहले ही ईबीसी के लिए अलग घोषणा पत्र जारी कर इस वर्ग में सेंध लगाने की कोशिश की है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने निषाद समाज से आने वाले मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर यह संदेश दिया कि महागठबंधन अब केवल यादव-मुस्लिम समीकरण पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि अति पिछड़ों को जोड़ने का नया सामाजिक समीकरण तैयार करेगा।

महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र में 30 प्रतिशत आरक्षण, पांच डिसमिल (भूमि माप की इकाई) जमीन, निजी स्कूलों और सरकारी ठेकों में ईबीसी आरक्षण जैसी घोषणाएं की हैं। वहीं, राजग ने जवाबी रणनीति के तहत आर्थिक सहायता, आयोग गठन और ‘कर्पूरी ठाकुर सम्मान निधि’ जैसी योजनाओं की घोषणा की है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की सत्ता की असली चाबी अब इसी वर्ग के पास है। पिछले दो दशकों से नीतीश कुमार इसी ‘ईबीसी फैक्टर’ के बल पर सत्ता में बने हुए हैं, लेकिन इस बार महागठबंधन ने ईबीसी को अपने पक्ष में करने की जोरदार कोशिश शुरू कर दी है। 

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग के घोषणा पत्र की प्रमुख बातें

एक करोड़ से अधिक युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसर।

किसानों की सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 6,000 रुपए से बढ़ाकर 9,000 रुपए वार्षिक की जाएगी।

50 लाख पक्के मकानों का निर्माण किया जाएगा। एक करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार की जाएंगी।

प्रत्येक जिले के प्रमुख विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा, जिसके लिए 5,000 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा।

माता जानकी की जन्मस्थली को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगर ‘सीतापुरम’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

दरभंगा, पूर्णिया और भागलपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की स्थापना की जाएगी।

बिहार के चार शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

हर प्रमंडल में ‘बिहार स्पोर्ट्स सिटी’ और उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किए जाएंगे।

प्रत्येक जिले में एक फैक्ट्री और 10 औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे।

राज्य में 100 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) पार्क और 50,000 से अधिक कुटीर उद्योग स्थापित किए जाएंगे।

रक्षा गलियारा (डिफेंस कॉरिडोर) और सेमीकंडक्टर निर्माण पार्कों की स्थापना की जाएगी।

हर प्रमंडल में अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।

उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत एससी/एसटी छात्रों को 2,000 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी।

अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के छात्रों को 10 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को केजी से पीजी तक नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी।

प्रदेश में सात नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे और 3,600 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण किया जाएगा।

विश्वस्तरीय ‘मेडिकल सिटी’ का विकास किया जाएगा और प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

गरीब परिवारों को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का विस्तार किया जाएगा।

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