पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज मधुबनी जिले में हुए नरसंहार को लेकर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे.
पीड़ित परवार से मुलाकात करने दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से तंज कसा है. उन्होंने मधुबनी के एसपी और डीएसपी को तत्काल हटाने की मांग की है. तेजस्वी ने कहा कि जब तक ये दोनों अधिकारी मधुबनी में टिके रहेंगे तब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है क्योंकि रक्षक ही रावण बने बैठे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि होली के दिन रावण सेना नाम से संगठन चलाने वालों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. इसके पीछे प्रवीण नाम का एक गुंडा है. जिसके खिलाफ कई मामले सामने आये हैं, लेकिन उसका सांठगांठ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकारियों के साथ है. वह अफसरों के साथ उठता-बैठता है. उन्होंने कहा कि घटना के दिन मृतकों के परिजनों ने एसपी को फोन कर इसकी सूचना दी. लेकिन कोई भी पुलिसवाला नहीं पहुंचा. एक ही घर की तीन-तीन महिलाएं विधवा हो गईं. लेकिन किसी भी पुलिसवाले ने साथ नहीं दिया.
तेजस्वी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने डीजीपी से बात की. लेकिन लोगों को एक बात समझनी चाहिए कि जब तक एसपी और डीएसपी को हटाया नहीं जायेगा तब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा. इसके बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीटर के जरिये नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि,”75 विधायक वाले जब 40 विधायक वाले अनुकंपाई नेता पर बोलते है तो उन्हें पब्लिसिटी मिलती है.
कितनी खुशफहमी में जीते है वो? नरसंहार कराए मुख्यमंत्री, विधायकों को पिटवाए मुख्यमंत्री, जहरीली शराब से लोगों को मरवाए मुख्यमंत्री, युवाओं पर लाठी चला जेल भिजवाए मुख्यमंत्री, बिहार को बेरोजगारी का केंद्र बनाए मुख्यमंत्री, और पब्लिसिटी पाए हम!”
इससे पहले भी मधुबनी हत्याकांड में तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, “माननीय मुख्यमंत्री जी के मुखारविंद से टपके रत्नकण:-“अगर कोई क्राइम की घटना होती है तो उसकी ज़िम्मेवारी पुलिस की होती है. इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है” मुख्यमंत्री साहब, हमें लगा बिहार पुलिस किम जोंग के अधीन हैं, इसलिए आप क्यों खामखां जिम्मेवारी ले नरसंहार पर प्रतिक्रिया देंगे. है ना?”
यहां उल्लेखनीय है कि कल मधुबनी हत्याकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर पब्लिसिटी करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि कौन क्या आरोप लगा रहा है, इस मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है. पूरे मामले को डीजीपी साहब से 5 बार फोन पर बात हुई है.
हमने कह दिया है कि जो जरूरी एक्शन है, वो जरूर होना चाहिए. जो भी क्राइम किया है, उसे छोड़िए मत. अगर कारण पता चलता है तो उस कारण को भी गंभीरता से देखिए. ऐसा नहीं सबको एक साथ खड़ा करके मार दिया गया. अगर कहीं घटना होती है, तो क्या कोई बचेगा?