Bihar LS polls 2024: बिहार में भाजपा ने महिला प्रत्याशी पर नहीं खेला दांव!, नीतीश कुमार ने 16 सीटों में सिर्फ 2 महिलाओं को टिकट दिया
By एस पी सिन्हा | Published: March 26, 2024 10:49 AM2024-03-26T10:49:34+5:302024-03-26T10:50:27+5:30
Bihar LS polls 2024: 2019 में भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव जीतने वाली एक मात्र महिला सांसद रमा देवी को भी इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है।
Bihar LS polls 2024: केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को संसद से पास कराया। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तो आधी आबादी को पूरी तरह से निराश कर दिया है। भाजपा ने बिहार में जिन 17 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, उनमें किसी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। 2019 में भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव जीतने वाली एक मात्र महिला सांसद रमा देवी को भी इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है।
हालांकि, इस बार यह सीट जदयू के खाते में चली गई है, जिसकी वजह से वह बेटिकट हो गई हैं। वहीं, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने हिस्से की 16 सीटों में सिर्फ 2 महिलाओं को टिकट दिया है। शिवहर सीट से लवली आनंद चुनाव में ताल ठोक रहीं है। ऐसे में यह उम्मीद लगाया जा रहा था की पार्टी रमा देवी को दूसरे जगह से उम्मीदवार बना सकती है या किसी अन्य महिला को अपना सिंबल दे सकती है।
लेकिन, भाजपा नेतृत्व ने ऐसा कुछ नहीं किया उल्टा आधी आबादी को अनदेखी कर डाली। वहीं, एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो और जीतन राम मांझी की हम को एक-एक सीट मिली है। अपनी-अपनी सीट से दोनों खुद ही चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। सिर्फ चिराग पासवान की 5 सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं।
चिराग की पार्टी से वैशाली सीट से सांसद वीणा देवी का नाम तय माना जा रहा है। वहीं, जदयू ने सीवान से महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। इस तरह से एनडीए की ओर से अभी तक सिर्फ 3 महिलाओं को टिकट मिलता दिख रहा है। वहीं महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा ही नहीं हो सका है। वैसे पिछले चुनाव में भी एनडीए की ओर से सिर्फ 3 महिलाओं को टिकट मिला था।
जबकि महागठबंधन की ओर से 6 महिलाएं मैदान में थीं। राजद ने नवादा से विभा देवी, पाटलिपुत्र से मीसा भारती और सीवान से हिना शहाब को मैदान में उतारा था। तो कांग्रेस ने मुंगेर से नीलम देवी, सासाराम से मीरा कुमार और सुपौल से रंजीत रंजन को टिकट दिया गया था। अब सवाल उठने लगा है कि भाजपा आधी आबादी की बात तो करती है, लेकिन आधी आबादी को टिकट नहीं देना चाहती।
बिहार विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन उनका प्रतिनिधित्व घट गया है। 2015 की तुलना में 2020 में आधी आबादी की तीन सीटें घट गईं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 370 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था जो पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 36 प्रतिशत अधिक था। इनमें से केवल 7 प्रतिशत या 26 महिलाएं ही इस बार विधान सभा में पहुंच सकी थीं। जबकि 2015 में यह आंकड़ा 10 प्रतिशत (273 में से 28) था।