बिहार विधानमंडलः मंत्री की गाड़ी रोके जाने पर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरा, उठाया अफरशाही का मामला, जीवेश मिश्रा ने किया माफ
By एस पी सिन्हा | Published: December 3, 2021 05:59 PM2021-12-03T17:59:24+5:302021-12-03T18:00:15+5:30
Bihar Legislature: बिहार विधानमंडल सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधान परिषद पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार सरकार की जबर्दस्त तरीके से खिंचाई की.
पटनाः बिहार में शीतकालीन सत्र के आज आखिरी दिन भी मंत्री जीवेश मिश्रा का मुद्दा छाया रहा. सदन के बाहर तमाम विपक्षी पार्टियों ने बिहार में अफसरशाही को लेकर प्रदर्शन किया.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाकपा-माले व कांग्रस विधायकों ने बिहार में जारी अफसरशाही को लेकर जमकर शोर-शराबा किया. हालांकि बिहार विधानमंडल के बाहर मंत्री की गाड़ी रोके जाने के मामले से उपजे विवाद का अंत हो गया. भाकपा- माले विधायकों ने कहा की एनडीए सरकार में अफसरशाही बिल्कुल चरम पर है.
अधिकारी और कर्मचारी किसी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनते हैं. कल हुई घटना कोई नहीं गई है. इससे पहले भी कई बार बिहार के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों का अपमान किया है. नीतीश सरकार उन पर लगाम लगाने में बिल्कुल नाकाम साबित हुई है. वहीं, श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने मामले का अंत करते हुए कहा कि हमले डीएम-एसपी को माफ कर दिया है.
उन्होंने कहा कि डीएम-एसपी ने कहा है कि जो वहां पर खडे़ थे और उनकी गलती हमें दिख रही है. उन पर कार्रवाई करेंगे इस शर्त पर हमने माफी दी है. बताया जाता है कि डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा देर रात मंत्री जी के आवास पर गये थे. शायद इस दौरान उन्होंने मांफी मांगी होगी हो. यही वजह है कि उन्होंने आज सदन में माफ़ करने की बात कह दी.
उधर, इस मुद्दे पर तेजप्रताप यदव ने जीवेश मिश्रा को लपेट लिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि "ले लोटा, अब आधी रात को मिश्राजी भी “पलटू कुमार” की तरह पलटी मार गए..! ध्यान देने योग्य बातें :- मैं बात उस भीगी बिल्ली की कर रहा हूं जो कल अपने-आप को “सरकार” बता रहा था.
उधर, आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधान परिषद पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार सरकार की जबर्दस्त तरीके से खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कल उनकी ही पुलिस ने उनके ही मंत्री की गाडी को रोक दिया. यह गलत था. लेकिन यह पहली बार नहीं है. हमारे विधायकों और विपक्षी नेताओं को लात-जूते से पिटा गया था, महिला विधायकों की साडी उतारी गई. उन पर क्या कार्रवाई की गई? उसकी तुलना में कल की घटना कुछ भी नहीं है.