Bihar hooch tragedy: मरने वालों के परिजनों से मिलने पहुंचे सांसद संजय जायसवाल, आक्रोश के देखते हुए जान बचाकर भागना पड़ा 

By एस पी सिन्हा | Updated: November 8, 2021 21:58 IST2021-11-08T21:57:10+5:302021-11-08T21:58:06+5:30

Bihar hooch tragedy: आक्रोशित लोगों ने संजय जायसवाल समेत उनके साथ गये भाजपा के नेताओं को भी खदेड़ दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवारों को जो बंद लिफाफा सौंपा जा रहा था, उसे उनके सामने खोलने की मनाही थी.

Bihar hooch tragedy MP Sanjay Jaiswal came meet families died run away saving his life indignation | Bihar hooch tragedy: मरने वालों के परिजनों से मिलने पहुंचे सांसद संजय जायसवाल, आक्रोश के देखते हुए जान बचाकर भागना पड़ा 

सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि जहां शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत हो रही है.

Highlightsलोगों ने पांच हजार रुपये देखे और उसके बाद हंगामा शुरू हो गया. लिफाफे में पांच सौ रुपये के दस नोट थे.लोग इतने आक्रोशित हुए कि पुलिस के भी पसीने छूट गये.

पटनाः बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल को आज अपने ही संसदीय क्षेत्र में लोगों के भारी फजीहत का सामना करना पड़ा. यही नहीं लोगों के आक्रोश को देखते हुए उन्हें वहां से जान बचाकर भागना पड़ा.

 

दरअसल, संजय जायसवाल अपने संसदीय क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई करीब 17 लोगों की मौत के बाद मातमपुर्सी करने गये थे. इस दौरान वह पीडित परिजनों को अपनी तरफ से आर्थिक मदद के रूप में लिफाफे में बंद कर रुपये दे रहे थे.बताया जाता है कि संजय जायसवाल के द्वारा दी जा रही आर्थिक के दौरान उग्र भीड़ मुआवजे की मांग करते हुए उन्हें को घेर लिया.

इसबीच स्थिति विस्फोटक होते देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें भीड़ के घेरे से बाहर निकाला और गाड़ी में बैठाकर वहां से रवाना कर दिया. आक्रोशित लोगों ने संजय जायसवाल समेत उनके साथ गये भाजपा के नेताओं को भी खदेड़ दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवारों को जो बंद लिफाफा सौंपा जा रहा था, उसे उनके सामने खोलने की मनाही थी.

कहा जा रहा था कि सांसद साहब के चले जायेंगे उसके बाद उस लिफाफे को खोलें. लेकिन वहां कुछ मीडिया वालों ने पीड़ित परिवारों से लिफाफा खुलवा लिया. लिफाफा खुलने के बाद उसमें दिये गये पैसे को गिना गया. एक लिफाफे में पांच सौ रुपये के दस नोट थे. लोगों ने पांच हजार रुपये देखे और उसके बाद हंगामा शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि लोग इतने आक्रोशित हुए कि पुलिस के भी पसीने छूट गये.

लोगों का आरोप था कि सरकार के कारण जहरीली शराब बिक रही है. सरकार की लापरवाही है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एक जान की कीमत पांच हजार रूपये लगा रहे हैं. आक्रोशित लोगों ने नेताओं को खदेडना शुरू कर दिया. लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए वहां  मौजूद पुलिस बल ने जैसे तैसे लोगों को शांत कराया.

लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से जहरीली शराब का कारोबार हो रहा है. इससे पहले भी लौरिया में जहरीली शराब से कई मौत हुई थी. लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. नतीजतन फिर से नौतन में घटना हुई और लोगों की जान चली गई. लोगों का कहना है कि शराब का मोटा पैसा पुलिस से लेकर नेताओं तक जा रहा है.

उधर संजय जायसवाल ने बाद में मीडिया से बात करते हुए सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि जहां शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत हो रही है. बिहार में तो सरकार ने 600 पुलिसकर्मियों को शराब कारोबार में संलिप्तता के कारण बर्खास्त कर दिया है. इसलिए सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.

संजय जायसवाल ने कहा कि मुआवजा देना सरकार का काम है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामले को लेकर काफी गंभीर है और दोषियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या बिहार में शराबबंदी फ्लॉप हो गया है तो उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं उन राज्यों में भी हुई हैं जहां शराब की बिक्री हो रही है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. 

Web Title: Bihar hooch tragedy MP Sanjay Jaiswal came meet families died run away saving his life indignation

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