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बिहार: पटना हाईकोर्ट में कोटा से छात्रों को वापस बिहार लाने के मामले में सुनवाई टली, पांच मई को होगी अगली सुनवाई

By स्वाति सिंह | Updated: April 28, 2020 15:11 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं का मामला उठाया था। बिहार सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में इन छात्रों को लॉकडाउन में वापस लाने में असमर्थ है।

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ठळक मुद्देकोटा लॉकडाउन में फंसे बिहार के छात्रों की घर वापसी के मामले पर सुनवाई टल गई है। मामले पर अगली सुनवाई 5 मई को की जाएगी।

पटना: कोटा और दूसरे राज्यों में लॉकडाउन में फंसे बिहार के छात्रों की घर वापसी के मामले पर सुनवाई 5 मई तक टल गई है। पटना हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने मंगलवार को अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी। बता दें कि पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों से इस मुद्दे पर जवाब-तलब किया था। 

वहीं, NDTV की खबर के मुताबिक, पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को कोटा में फंसे छात्रों के खाने-पीने और मेडिकल जरूरतों को पूरा करने का आदेश दिया है। 5 मई होगी अगली सुनवाई 

इससे पहले राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश में इन छात्रों को लॉकडाउन में वापस लाने में असमर्थ है। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने का निर्देश देते हुए यह बताने को कहा है कि इन्हें वापस लाने कैसे व्यवस्था होगी। इस मामले पर अगली सुनवाई 5 मई को की जाएगी।

कांग्रेस ने नीतीश कुमार पर लगाया आरोप 

कांग्रेस ने कोटा में फंसे छात्रों के संदर्भ में दिए गए, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित बयान को उनकी ‘अवसरवादी राजनीति’ का प्रमाण करार देते हुए सोमवार को दावा किया था कि उन्होंने अपने राज्य के बच्चों को वहां भगवान भरोसे छोड़ दिया है। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने एक बयान में कहा, ‘‘ कहा जाता है कि बुरे वक्त में इंसान का असली चरित्र सामने आ जाता है। नीतीश जी ने कोटा में फंसे बिहार के छात्रों की मदद नहीं करने का फैसला कर यह साबित कर दिया है कि वह और उनकी सरकार सिर्फ अवसरवादी राजनीति में विश्वास रखते हैं।’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ बिहार के छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार की जदयू-भाजपा सरकार एवं नीतीश कुमार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है। शेरगिल ने कहा कि नीतीश कुमार को अपने रुख पर पुन:विचार करना चाहिए और बच्चों को कोटा से जल्द बिहार लाने का प्रबंध करना चाहिए। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नीतीश ने उठाया था मुद्दा

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं का मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरुप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, इसलिये जबतक दिशानिर्देशों में अनुकूल बदलाव नहीं होता, तब तक कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाना संभव नहीं है। 

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