बिहार: विपक्ष ने उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा, नीतीश सरकार ने कहा- मामले को गंभीरता से लिया, जांच कराएंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2021 10:19 AM2021-09-23T10:19:42+5:302021-09-23T10:19:42+5:30
सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि हमने राजनीतिक संरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से लिया है. हम विशिष्ट शिकायतों की स्थिति में बोली लगाने और निविदा की प्रक्रिया की जांच करेंगे.
पटना:बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता तारकिशोर प्रसाद के करीबियों को 53 करोड़ रुपये ठेके मिलने के मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि वह मामले की जांच कराएगी.
दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'हर घर नल का जल' योजना से संबंधित 53 करोड़ रुपये के ठेके प्रसाद के करीबियों को मिले जिसमें उनकी बहू पूजा कुमारी व अन्य शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि हमने राजनीतिक संरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से लिया है. हालांकि राजनेताओं के दोस्तों और रिश्तेदारों को उचित प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी ठेका प्राप्त करने का पूरा अधिकार है, हम विशिष्ट शिकायतों की स्थिति में बोली लगाने और निविदा की प्रक्रिया की जांच करेंगे.
उन्होंने कहा कि मैंने विभाग के सचिव को ऐसी शिकायतों पर गौर करने के लिए कहा है जिसमें किसी को सिर्फ इसलिए ठेका न मिल पाया हो क्योंकि दूसरे को राजनीतिक संबंध का फायदा मिला.
इस बीच, बुधवार देर शाम प्रदेश के भाजपा नेताओं ने दूसरी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के आवास पर एक बैठक की जिसमें प्रसाद शामिल हुए. इसमें प्रसाद पर लगे आरोपों को लेकर भी चर्चा हुई.
हालांकि, विपक्षी दल कांग्रेस और राजद प्रसाद के इस्तीफे की मांग कर रही हैं.
बुधवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाने के लिए कहा था.
उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार अनुकंपा के आधार पर मुख्यमंत्री हैं और (अन्य) एनडीए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते हैं.
वहीं, दिल्ली में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रसाद के इस्तीफे की मांग करते हुए इसे हर नेता ठेका योजना करार दिया था.