बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे पर पटना हाईकोर्ट के अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
By रुस्तम राणा | Published: May 11, 2023 06:38 PM2023-05-11T18:38:21+5:302023-05-11T18:38:21+5:30
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्य में जातिगत जनगणना पर अंतरिम रोक की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी।
नई दिल्ली: बिहार सरकार ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें राज्य में जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी। पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्य में जातिगत जनगणना पर अंतरिम रोक की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा कि सुनवाई तीन जुलाई को होगी जो पहले तय की गई थी और तब तक यह रोक प्रभावी रहेगी। बिहार सरकार ने याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई की मांग करते हुए पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि मामले को लंबित रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
Bihar caste-based census | Bihar Government moves Supreme Court challenging Patna High Court order putting an interim stay on the caste-based census in the state. pic.twitter.com/0EVXOV0YLw
— ANI (@ANI) May 11, 2023
गौरतलब है कि 4 मई के अपने आदेश में, पटना उच्च न्यायालय ने जाति आधारित सर्वेक्षण को वस्तुतः एक अन्य नाम से होने वाली जनगणना और "प्रथम दृष्टया असंवैधानिक" करार दिया था। कोर्ट ने इसे "संसद की विधायी शक्तियों का अतिक्रमण बताया था। अदालत ने कहा था, "राज्य सरकार को बिहार में इस तरह की जातिगत जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं है।"
राज्य हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि बिहार सरकार की "राज्य विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ एक जाति सर्वेक्षण के डेटा को साझा करने का इरादा सामान्य रूप से लोगों की निजता के मौलिक अधिकार के उल्लंघन का एक बड़ा सवाल उठाता है"।