बिहार: गरीबों की लड़कियों पर है मानव तस्कर की पैनी नजर

By एस पी सिन्हा | Published: June 29, 2019 06:20 PM2019-06-29T18:20:12+5:302019-06-29T18:20:12+5:30

उतर बिहार के कोसी और सीमांचल समेत मधेपुरा में मानव तस्करी का बड़ा रैकेट चल रहा है. गरीबों की बेटी पर मानव तस्कर की पैनी नजर है. शादी और नौकरी के नाम पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त होती है और उसे देह व्यपार में धकेल दिया जाता है.

Bihar: Girls belong to poverty being targeted for human trafficking | बिहार: गरीबों की लड़कियों पर है मानव तस्कर की पैनी नजर

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

उतर बिहार के कोसी और सीमांचल समेत मधेपुरा में मानव तस्करी का बड़ा रैकेट चल रहा है. गरीबों की बेटी पर मानव तस्कर की पैनी नजर है. शादी और नौकरी के नाम पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त होती है और उसे देह व्यपार में धकेल दिया जाता है. स्थानीय अपराधियों के संरक्ष्ण में मानव तस्करी ये बड़ा खेल चल रहा है. इलाके में है दहशत का माहौल व्याप्त है. 

इसी कड़ी में अभी हाल ही में रोहित मुनि की पत्नी प्रज्ञा मुनि को दिल्ली में सिमडेगा व एटीएस के सहयोग से पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों पर नौकरी देने के नाम पर भोली-भाली लड़कियों को सब्जबाग दिखा कर घरेलू नौकर के रूप में उनको दलालों के पास बेच दिया जाता था. मुनि दिल्ली जाकर काम की तलाश में कई माह दर दर भटकता रहा. अंततः थक हार कर बचपन में अपने पिता से सीखे सिलाई के गुर को आरपीएम सिलाई सेंटर खोलकर इस छोटे से कारोबार को शुरू किया. इसी कारोबार के दौरान उसकी जान पहचान दिल्ली की ही एक महिला कांस्टेबल से हुई. उक्त महिला के पति की मृत्यु के बाद दोनों एक-दूसरे के हो गये.

कहते हैं कि तब से मुनि व उसकी पत्नी ने कभी मुड़कर नहीं देखा. दिल्ली में वह आलीशान भवन में रहता था. इसी क्रम में दोनों ने बिहार, झारखंड, ओडिशा व छत्तीसगढ़ से नाबालिग लड़कियों का व्यापार शुरू कर दिया. स्थानीय दलालों के माध्यम से गरीबों की बेटियों को सब्जबाग दिखाकर उसे काम दिलाने व सुखमय जिंदगी जीने की बात कह कर दिल्ली ले जाने लगा. बाद में उन बच्चों को दलाल के हाथ बेच देने लगा. कहते हैं कि इस अवैध धंधे को छिपाने के लिए इन दोनों ने इस बीच कई एनजीओ की स्थापना भी की. साथ ही अंदर कुछ और बाहर कुछ और जैसे अपने चेहरे को बलशाली व धारदार बनाने के लिए अपने एनजीओ के सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिल्ली के बड़े-बड़े राजनीतिक चेहरे को मंच पर कुर्सी देने लगा.

वहीं, उसके दलालों ने मधेपुरा जिला में गरीबों की बेटियों पर मानव तस्कर ने अपनी खतरनाक नजरें गरा रखी हैं. इस गोरख धंधे की शुरुआत दलालों के माध्यम से बाल विवाह से होती है. बाद में हरियाणा, पंजाब, उतरप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे महानगरों में देह व्यापार को लेकर मोटी रकम के सहारे बेच दी जाती है. ताजा मामला मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर और शंकरपुर थाना क्षेत्र के गिद्धा गांव का है. दहशत के माहौल के बीच स्थानीय ग्रामीण कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं. इतना ही नहीं पीड़ित लड़की के परिजन भी है कई दिनों से गायब हैं. सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही खबर के बाद डीएम नवदीप शुक्ला तत्काल संज्ञान लिया और जिले में चल रहे महिला हेल्पलाइन के अधिकारी को शंकरपुर व सिंघेश्वर थाना क्षेत्र के चम्पानगर गिद्धा गांव रवाना किया. लेकिन गांव पहुंची टीम को बैरंग वापस लौटना पडा. डीएम और एसपी ने बिना डरे लोगों से शिकायत करने की अपील की है. 

बताया जाता है कि एक गरीब परिवार के मुखिया ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी बगल के ही गांव के रहने वाले अशोक मेहता के कहने पर किया. कुछ दिन पहले उसे अपनी बेटी को गुड़गांव में बेचे जाने की जानकारी मिली. इसके बाद उसने अपनी बेटी को किसी तरह मानव तस्कर के चंगुल से बचाकर घर ले आया. हालांकि पीड़ित के परिजन भी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बताया जाता है कि दलाल अशोक मेहता गांव में कई लड़कियों की शादी इसी तरह से करवा चुका है. इसी गुस्से में बीते 20 जून को ग्रामीणों ने पकड़ा और उसकी जमकर पिटाई भी कर दी थी. पिटाई के बाद उसे गावं के सरपंच को सौंप दिया गया, जहां वह कई घंटो तक बंधक भी बना रहा. बाद में इलाके के कुछ तथाकथित अपराधी ने दलाल अशोक मेहता सरपंच के चंगुल से छुड़ा ले गए.

इस घटना के बाद से पूरा परिवार गांव से गायब है. वैसे यह कोई नया मामला नहीं है. कुछ महीने पहले उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के सिंगारपुर और मुरलीगंज थाना क्षेत्र के जोरगामा पंचायत में भी दलाल के माध्यम से पहले नाबालिग लड़की की हरियाणा के एक शख्स से शादी करवा दी गई. हालांकि मामले की भनक स्थानीय प्रशासन के मिली और तुरंत युवक और उसके रिश्तेदार को जेल भेज दिया गया. इस प्रकार तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए भोली-भाली लड़कियों को मानव तस्करी के जाल में फंसाया जा रहा है. किसी को नौकरी दिलाने के नाम पर तो किसी को शादी के नाम पर बिहार- झारखंड से गायब किया जा रहा है. 

Web Title: Bihar: Girls belong to poverty being targeted for human trafficking

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