Bihar Floor Test: बागी विधायकों पर एक्शन, सीएम नीतीश ने कहा-सामने बिठा कर पूछेंगे, राजद से कितना माल मिला था? ,'ऑपरेशन इलाज' शुरू
By एस पी सिन्हा | Published: February 14, 2024 03:36 PM2024-02-14T15:36:43+5:302024-02-14T15:38:23+5:30
Bihar Floor Test Highlights: जदयू विधायक बीमा भारती ने विश्वासमत में हिस्सा तो लिया, लेकिन बागी होने की कोशिश का राज पहले ही खुल गया था।
Bihar Floor Test Highlights: बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान संकट खडा करने वाले एनडीए के विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कड़े निर्देश के बाद भी उनकी पार्टी जादयू के ही कुछ विधायकों ने दगाबाजी कर दी। सदन में संकट खड़ा होते देख उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने साफ कहा था कि सभी बागियों का जल्द ही इलाज किया जाएगा। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 'ऑपरेशन इलाज' शुरू हो चुका है। बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है नीतीश ने ऐलान किया है कि जो विधायक गड़बड़ करने चले थे, उनको सामने बिठा कर पूछेंगे कि राजद से कितना माल मिला था? किसको कितना मिला उसे जान कर किसी को छोड़ेंगे नहीं? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसको कितना दिया गया है, सबकी जांच करवायेंगे। गड़बड़ करने वालों को छोड़ेंगे नहीं। ऐसे विधायक भूल जाते हैं कि अगर सदन में पार्टी की बात नहीं मानी तो सदस्यता चली जायेगी। फिर लौट कर विधायक नहीं बनेंगे।
उधर, जदयू विधायक बीमा भारती ने विश्वासमत में हिस्सा तो लिया, लेकिन उनके बागी होने की कोशिश का राज पहले ही खुल गया था। सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद विधायक अपने पति के साथ वापस लौट रही थीं, तभी रास्ते में उनके पति अवधेश मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच रूपौली विधायक बीमा भारती ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई है और भद्दी-भद्दी गालियां दी गई है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर बीमा भारती ने सचिवालय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। विधायक बीमा भारती ने यह आरोप लगाया कि कॉल कर धमकी देने वाले ने खुद को भाजपा नेता बताया। उसने धमकी देते हुए यह कहा कि पति और बेटे को जेल भेजवा दिया है। अब तुम्हें मार देंगे। बीमा भारती ने कहा कि जब कॉल आया, तब जदयू विधायक गोपाल मंडल उनके साथ थे।
वहीं, जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने तेजस्वी यादव के करीबी सुनील कुमार राय पर अपनी पार्टी के विधायकों को अगवा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। विधायक सुधांशु शेखर ने पुलिस को बताया है कि महागठबंधन के नेताओं की तरफ से मुझे 10 करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे।
ऐसे में विश्वासमत में हिस्सा नही लेने वाले जदयू विधायकों की मुश्किलें बढती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार में जब नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सरकार बनाई तो तेजस्वी यादव ने एलान किया-अभी ‘खेला’ होना बाकी है। इस ऐलान के बाद तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद यादव बैटिंग करने पर उतर आये।
भाजपा और जदयू के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के घर लालू-तेजस्वी के दूत पहुंच गए। बिना शोर-शराबे के राजद ने जाल बिछाया और भाजपा-जदयू के कम से कम 7 विधायक उसमें फंस गए। सदन का आंकड़ा ऐसा था कि अगर सत्तारूढ़ एनडीए के 7 विधायकों ने गच्चा दे दिया तो सरकार का चला जाना तय था।
लेकिन भाजपा और जदयू को 9 फरवरी तक इसका अंदाजा ही नहीं था कि उनके विधायकों में जबर्दस्त सेंधमारी हो चुकी है। 10 फरवरी को भाजपा को अंदाजा हुआ कि उसके तीन विधायक भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा और मिश्रीलाल यादव हाथ से बाहर जा चुके हैं।
जबकि जदयू की हालत और खराब थी। 10 फरवरी को ही जदयू नेताओं को भी लगा कि उनकी पार्टी में सेंधमारी हो चुकी है। जब ये जानकारी हुई कि 3 विधायक पहुंच से बाहर हो चुके हैं। जदयू के डॉ संजीव, दिलीप राय और बीमा भारती खेला कर चुके थे।