बिहार: पटना को डुबोने वाले 27 अधिकारी नपे, IAS-IRS अधिकारी समेत कई डिप्टी कलक्टर-इंजीनियरों पर गिरी गाज
By एस पी सिन्हा | Published: February 12, 2020 04:59 AM2020-02-12T04:59:19+5:302020-02-12T04:59:19+5:30
बिहार की राजधानी पटना को सितंबर, 2019 में डुबोने वाले 27 अधिकारी नप गए हैं. इनमें बुडको के तत्कालीन प्रबंध निदेशक (एमडी) और आईएएस अधिकारी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह भी शामिल हैं.
बिहार की राजधानी पटना को सितंबर, 2019 में डुबोने वाले 27 अधिकारी नप गए हैं. इनमें बुडको के तत्कालीन प्रबंध निदेशक (एमडी) और आईएएस अधिकारी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह भी शामिल हैं. जबकि पटना नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त अनुपम कुमार सुमन (आईआरएस सेवा) के खिलाफ कार्रवाई के लिए केन्द्र सरकार से अनुशंसा की गई है. आईएएस अधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह और नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त व आईआरएस अधिकारी अनुपम कुमार सुमन समेत 19 अधिकारियों को निलंबित किया गया है.
इसके अलावे संविदा पर नियुक्त सात इंजीनियरों को सेवामुक्त कर दिया गया है. वहीं बुडको के असिस्टेंट इंजीनियर मुरलीधर प्रसाद सिंह की पेंशन रोक दी गई है. नगर विकास व आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने बताया कि गृह विभाग की अनुशंसा पर गठित उच्चस्तरीय जांच टीम की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुई थी.इस पर विभाग की ओर से समीक्षा की गई. समीक्षा के बाद सभी संबंधित दोषियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है.
उल्लेखनीय है कि जांच टीम की रिपोर्ट की सबसे पहले सीएम स्तर से समीक्षा कर दोषियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया था. उसी के आलोक में नगर विकास व आवास विभाग ने कार्रवाई शुरू की है. जल जमाव के बाद गठित जांच समिति की रिपोर्ट और इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुमोदन के बाद यह कार्रवाई की गई है.
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं. बुडको के तत्कालीन एमडी पर संप हाउस की व्यवस्था की मॉनिटरिंग और संचालन की व्यवस्था की समीक्षा नहीं की गई. रख-रखाव और मरम्मति कार्य का अनुश्रवण भी नहीं किया गया. जबकि तत्कालीन नगर आयुक्त और वर्तमान में अपने मूल कैडर में वापस गए अनुपम कुमार सुमन पर भी गंभीर आरोप है. जिम्मेदारी भरे पद पर रहते हुए उन्होंने कर्तव्य पालन में घोर लापरवाही बरती. मानसून को लेकर उन्होंने कोई प्लान नहीं किया था. नाला सफाई की समीक्षा भी उनके द्वारा नहीं की गई, जिससे पटना कई दिनों तक डूबा रहा.
बताया जाता है कि विभाग ने जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर बुडको के तत्कालीन एमडी व आइएस अधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को दोषी पाया था. अब उनको निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है. वहीं दोषी पाये गये तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन कार्रवाई के लिए राज्य सरकार का कार्मिक विभाग केंद्र सरकार से अनुशंसा कर दिया गया है. इसके अलावा तीन डिप्टी कलेक्टर -कंकडबाग की तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पूनम कुमारी, बांकीपुर अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार तरुण व नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है.
इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की शुरुआत होगी. इसकी अनुशंसा कार्मिक विभाग को भेज दी गई है. इसके अलावा नगर सेवा के अधिकारी व पाटलिपुत्र अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार को भी निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है.
यहां बता दें कि 14 अक्तूबर, 2019 को मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद मुख्य सचिव ने बुडको के 11 इंजीनियरों को नोटिस जारी किया था. साथ ही पटना नगर निगम के छह सफाई निरीक्षकों को निलंबित करने का आदेश दिया था. इसके बाद 15 अक्तूबर, 2019 को सरकार ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद व बुडको के एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को हटा दिया था. साथ ही जलजमाव के कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनायी थी.
तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन को नालों की सफाई नहीं करवाने, अन्य विभागों से समन्वय नहीं करने, मॉनसून से पहले जलजमाव से बचाव की तैयारी में लापरवाही का दोषी पाया गया है. जबकि बुडको के तत्कालीन एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को संप हाउसों के संचालन ठीक से नहीं करने, मरम्मत व रखरखाव में लापरवाही करने का दोषी पाया गया है.