बिहारः बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर सत्तारूढ़ महागठबंधन में घमासान, भाकपा-माले ने 300 प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया 

By एस पी सिन्हा | Published: April 28, 2023 05:19 PM2023-04-28T17:19:33+5:302023-04-28T17:21:01+5:30

सरकार को टाडा कानून लगा कर जेल में बंद कैदियों और शराबबंदी कानून के तहत कैद दलित-गरीबों की तत्काल रिहाई करनी चाहिये।

Bihar ex mp Bahubali leader Anand Mohan Clashes ruling grand alliance release CPI-ML demonstrated 300 block headquarters | बिहारः बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर सत्तारूढ़ महागठबंधन में घमासान, भाकपा-माले ने 300 प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया 

बिहार सरकार।

Highlightsबिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी है और वृद्धों-विकलांगों-महिलाओं का पेंशन भी सबसे कम है। भूमिहीन लोगों का सर्वे कराकर उन्हें जमीन और मकान देने के लिए नया कानून बनाने की भी मांग की।22 साल से जेल में बंद टाडा बंदियों की अविलंब रिहाई होनी चाहिये।

पटनाः पूर्व सांसद व बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में ही घमासान की स्थिती उत्पन्न हो गई है। महागठबंधन में शामिल पार्टी भाकपा-माले ने आज बिहार के 300 प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। माले ने कहा कि सरकार को टाडा कानून लगा कर जेल में बंद कैदियों और शराबबंदी कानून के तहत कैद दलित-गरीबों की तत्काल रिहाई करनी चाहिये।

 

माले ने बिहार के भूमिहीन लोगों का सर्वे कराकर उन्हें जमीन और मकान देने के लिए नया कानून बनाने की भी मांग की। माले के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार दलित-गरीबों के सवालों पर उदासीन है। बिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी है और वृद्धों-विकलांगों-महिलाओं का पेंशन भी सबसे कम है।

दलित-गरीबों और महिलाओं-बच्चियों पर बढ़ते हमले के प्रति भी सरकार असंवेदनशील है। भूख, गरीबी और कर्ज के दुष्चक्र में फंसकर आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है। लेकिन ये सवाल सरकार की चिंता में शामिल नही है। माले के प्रदर्शन में प्रदर्शन में आनंद मोहन की रिहाई का भी मुद्दा उठाया गया।

माले ने कहा कि वह कैदियों की रिहाई में बिहार सरकार द्वारा अपनाई गई अपारदर्शी नीतियों और चुनिंदा लोगों की रिहाई का विरोध करती है। माले नेताओं ने कहा कि 22 साल से जेल में बंद टाडा बंदियों की अविलंब रिहाई होनी चाहिये। वहीं, शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद दलित-गरीबों को भी अविलंब रिहा करने की मांग की गई।

वहीं, विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि महागठबंधन सरकार को नया वास-आवास कानून पर गंभीरता से विचार करना होगा। सरकार कहती है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जाएगा, लेकिन आज पूरे राज्य में बरसो बरस से बसे दलित-गरीबों को उजाड़ा जा रहा है।

राज्य में बुलडोजर राज की भाजपाई संस्कृति रोकनी होगी। बिहार के दलित-गरीब महागठबंधन सरकार से ऐसी ही उम्मीद करते हैं। माले ने अपने प्रदर्शन में हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार का दर्जा देने, मनरेगा की मजदूरी 600 रुपए करने, दलित-गरीबों का बकाया बिजली बिल माफ करने, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 200 यूनिट फ्री बिजली देने की व्यवस्था करने की मांग की।

Web Title: Bihar ex mp Bahubali leader Anand Mohan Clashes ruling grand alliance release CPI-ML demonstrated 300 block headquarters

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