Bihar Election Result 2025: 64 उम्मीदवारों की जमानत जब्त?, बिहार में चारों खाने चित्त योगी सरकार के मंत्री ओपी राजभर
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 14, 2025 17:38 IST2025-11-14T17:16:07+5:302025-11-14T17:38:08+5:30
Bihar Election Result 2025: बिहार की जनता ने सभी उम्मीदवारों जिताने के बजाए उनकी जमानत जब्त ही करा दी.

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लखनऊः बिहार विधानसभा के चुनावों के नतीजे आने से साथ ही योगी सरकार में मंत्री और एनडीए के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की उम्मीदें धराशायी हो गई. एनडीए में शामिल होने के बाद भी सुभासपा ने बिहार की 64 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन बिहार की जनता ने उनके सभी उम्मीदवारों जिताने के बजाए उनकी जमानत जब्त ही करा दी.
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर बिहार में हुई पार्टी की हार से निराशा नहीं हैं. उनका कहना है कि सुभासपा बिहार में महागठबंधन की हारने के लिए चुनाव लड़ रही थी. पार्टी का उद्देश्य सफल रहा है, एनडीए गठबंधन की जीत हुई है.
पूरी नहीं हुई योगी के मंत्री ओमप्रकाश की उम्मीद
अब बिहार के चुनावी नतीजे आने के बाद भले ही सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर यह दावा कर रहे हैं, लेकिन बीते अक्टूबर में वह बिहार में एनडीए और महागठबंधन को सबक दिखाने का दावा कर रहे थे.उस दौरान सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व से काफी नाराज थे.
इसकी वजह थी भाजपा नेतृत्व ने सुभासपा के लिए बिहार में एक सीट भी छोड़ने से मनाकर दिया. जबकि ओमप्रकाश राजभर को भाजपा से चार सीटें मिलने की उम्मीद थी. जब भाजपा नेतृत्व ने योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर की मांग को ठुकरा दिया तो उन्होंने बिहार की 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए.
नामाकन वापसी के बाद सुभासपा के 64 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. इनमें से उन 27 सीटों पर सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटों ने ध्यान लगाया, जहां राजभर, रजवार, राजवंशी और राय समुदाय के लोगों की संख्या अधिक थी. अरुण राजभर के अनुसार, लगातार दो माह तक पार्टी नेताओं ने इन 29 सीटों पर प्रचार किया. पार्टी मुखिया ओमप्रकाश ने भी बिहार में छह दिनों तक प्रचार किया.
इस दौरान उन्होने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों की तारीफ की थी. भाजपा नेताओं पर तंज़ करते हुए यह भी कहा था कि बिहार में भाजपा के पांच-पांच मुख्यमंत्री, 80 मंत्री और पूरी केंद्र सरकार एक लड़के से लड़ रही है. ऐसा प्रचार करते हुए सुभासपा मुखिया को उम्मीद थी कि बिहार में सुभासपा का खाता खुलेगा, लेकिन पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो सकी.
बिहार में किया गया प्रचार यूपी में पड़ेगा भारी
सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर का बिहार में किया गया प्रचार उन पर भारी पड़ सकता है. बिहार में चुनाव प्रचार करने के गए भाजपा के मंत्री और विधायकों के अनुसार, ओमप्रकाश राजभर ने बिहार में 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में की गई जनसभाओं में एनडीए को हराने की अपील की थी.
यही नहीं उन्होंने खुलेआम यह भी कहा था कि अगर ज्यादा वोटिंग हुई तो तेजस्वी की सरकार बनेगी. ओमप्रकाश राजभर के ऐसे दावों के आधार पर भाजपा के दो मंत्री और एक दर्जन से अधिक विधायकों का कहना है कि ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से हटाने के मांग वह पार्टी की बैठक में करेंगे.
कहेंगे जो सहयोगी चुनाव में भाजपा के ही उम्मीदवारों को हराने की अपील करे, उसे मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए. वैसे भी ओमप्रकाश राजभर ने वर्ष 2019 में भाजपा के बगावत की थी. इसलिए या तो उन्हे मंत्रिमंडल से हटाया जाये या फिर उनसे पंचायती राज जैसे बड़ा विभाग लेकर कोई छोटे विभाग का मंत्री बनाया जाए.