बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू के विधायक ने ही अब अपनी सरकार पर ऊंगली उठाई है. जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने बिहार में सरकार के द्वारा शराबबंदी लागू होने के बाद अब पान मसाला पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिए जाने पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने शराबबंदी और पान मसाला पर लगाए हुए प्रतिबंध को गलत ठहराते हुए कहा है कि यह सब आन पेपर ही अच्छा लगता है. चेहरा चमकाने को लेकर लिए ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं.
दरभंगा के हायाघाट से जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए शराबबंदी और फिर गुटखाबंदी के प्रतिबंधों को खत्म करने की मांग की है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अवैध लेनदेन में बात नहीं बनी तो गुटखा पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अमरनाथ गामी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
उन्होंने पान-मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि एक तो नौकरी दे नहीं सकते, दूसरा लोगों का रोजगार भी छीन रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद भी हर दिन शराब की खेप पकड़ी जा रही है. बावजूद इसके चोरी-छिपे शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगा पाने में प्रशासनिक विफलता जगजाहिर भी होती रही है.
जदयू विधायक ने लोगों से प्रदेश सरकार की शराबबंदी और गुटखा एवं पान-मसाला को प्रतिबंधित करने की नीति का विरोध करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अगर विरोध नहीं किया तो आने वाले समय में स्टेशन पर भीख मांगनी पड़ेगी.
उन्होंने कहा है कि शराबबंदी को लेकर प्रशासनिक विफलता की वजह से ही प्रदेश की विरोधी पार्टियों ने कई बार शराब खत्म करने की भी मांग उठाई है. यहां बता दें कि बिहार में मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक, 2016 अधिनियम के तहत 2 अक्टूबर 2016 से ही शराबबंदी है तो वहीं, बीते 30 अगस्त से राज्य में गुटखा और पान-मसाला के उत्पादन और खरीद-बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है.