बिहार: बेगूसराय में RJD-CPI नेताओं ने धुलवाई बाबासाहब आंबेडकर की मूर्ति, गिरिराज सिंह ने पहनाई थी माला
By अनुराग आनंद | Published: February 15, 2020 05:40 PM2020-02-15T17:40:29+5:302020-02-15T17:51:46+5:30
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने विवादित बयान के अलावा बेगूसराय में एक हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने वाली महिला का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करवाने की वजह से इन दिनों मीडिया में हाईलाइट हैं।
बिहार के बेगुसराय से सांसद व नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र में थे। इस दौरान उन्होंने डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यर्पण किया। मंत्री के जाने के बाद वहां के स्थानीय राजद व सीपीआई कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर की प्रतिमा की धुलाई की।
बता दें कि इन दिनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने विवादित बयान के अलावा बेगूसराय में एक हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने वाली महिला का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करवाने के बाद मीडिया में हाईलाइट हैं।
Bihar: CPI (Communist Party of India) & RJD (Rashtriya Janata Dal) workers washed the statue of BR Ambedkar (in pic 3), after Union Minister Giriraj Singh garlanded the statue in Begusarai. (14.02.2020) pic.twitter.com/opwCPqpaAN
— ANI (@ANI) February 15, 2020
दरअसल, महिला का अंतिम संस्कार करवाने के लिए खुद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने परिजनों के सामने हाथ जोड़कर उनको मनाया। परिजनों को मनाते हुए गिरिराज सिंह का वीडियो सोसश मीडिया पर भी आया है। वीडियो को ट्विटर पर गिरिराज सिंह ने रिट्वीट भी किया है। गिरिराज सिंह वीडियो में बोलते हुए दिख रहे हैं, 'हिन्दू धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है और हमें अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए।' वीडियो में गिरिराज सिंह परिजनों से हाथ जोड़कर विनती करते भी दिख रहे हैं।
बिहार: ईसाई धर्म अपना चुके परिवार की महिला का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराने के लिए गिरिराज सिंह ने परिवार से विनती की, कहा- हिन्दू धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं।pic.twitter.com/fS79vdp6ui
— Utkarsh Kumar Singh (@UtkarshSingh_) February 15, 2020
13 फरवीर को बेगूसराय की उक्त महिला की मौत के बाद परिजन शव को दफनाने ले जा रहे थे। इसकी सूचना पहले वहां के स्थानीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मिली। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले पहुंचकर परिजन को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे लोग नहीं माने।