पटनाः बिहार में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है.
बिहटा के ईएसआईसी को कोविड अस्पताल बनाने के लिए राज्य सरकार के लेटर दिए जाने के 10 दिन बाद भी डीआरडीओ से मंजूरी नहीं मिलने को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार और राज्य के सांसदों पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को चौपट तो बताया ही है, साथ ही कोरोना को लेकर भी राज्य और केंद्र सरकार को निशाना बनाने से चूक नहीं रहे हैं.
तेजस्वी ने लिखा है कि बिहार के 40 में से 39 एनडीए सांसदों और 5 केंद्रीय मंत्रियों को नाक रगड़ बिहारवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि इस संकट की घड़ी में वो जनता के किसी भी काम नहीं आ सकते. केंद्र सरकार गुजरात, यूपी में डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय इत्यादि के माध्यम से ऑक्सीजन, डॉक्टर की व्यवस्था कर रही है, लेकिन बिहार की नहीं.
तेजस्वी ने पूछा है कि क्या नीतीश कुमार डबल इंजन सरकार जनित स्वास्थ्य आपदा के वक्त भी केंद्र सरकार से जरूरी मदद नहीं मांग सकते या केंद्र उनकी हैसियत और साख देख सहायता नहीं कर रहा? नीतीश जी, स्थिति स्पष्ट करे. बिहार एनडीए के कुल सांसद क्या झाल बजा रहे है? क्या छुपकर चुप रहने के लिए जनता ने उन्हें चुनकर दिल्ली भेजा था?
बिहार में ईएसआईसी और मेदांता को कोविड अस्पताल बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से प्रयास किया जा रहा है. लेकिन जिस तरह से डीआरडीओ ने राज्य सरकार की मांग को दस दिनों से ठंडे बस्ते में डाल दिया है, वह समझ से परे है. वह भी तब जब बिहार में मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पतालों में बिस्तर की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
यहां बता दें कि 14 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा था कि बिहटा के ईएसआईसी हॉस्पिटल में कोरोना स्पेशल अस्पताल चलाने के लिए सेना से 50 डॉक्टर की मांग की गई थी. लेकिन 4 दिन बाद भी सेना की तरफ से डॉक्टर नहीं मिल सके हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने इससे पहले भी ट्विटर के जरिये केंद्र सरकार पर बिहार में कोरोना की और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को देखते हमला बोला था.