बिहार में पहले से नियुक्त लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेला लगाकर देंगे नियुक्ति पत्र, उठ रहे सवाल
By एस पी सिन्हा | Published: November 2, 2022 02:50 PM2022-11-02T14:50:34+5:302022-11-02T14:54:00+5:30
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपेगे। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल इसमें से कई को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है और वे ड्यूटी भी कर रहे हैं।
पटना: बिहार में अब नियुक्ति पत्र की सियासत शुरू हो गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजधानी पटना के गांधी मैदान में 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देंगे। इनमें 8246 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक शामिल हैं। मुख्यमंत्री गांधी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी सफल पुलिस कर्मियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इस बात की जानकारी बिहार के पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई है।
इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अमीनों को नियुक्ति पत्र बांटा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में एएनएम (नर्स) को नियुक्ति पत्र बांटा गया था। जबकि इन्हें एनडीए सरकार में ही नियुक्त किया जा चुका था।
पहली बार इस तरह बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र
अब पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है। यह पहला मामला है जब पुलिसकर्मियों को गांधी मैदान में मेला लगाकर नियुक्ति पत्र बांटा जायेगा। जबकि इसके पहले हजारों युवाओं को नियुक्त किया जा चुका है। हजारों पुलिसकर्मी ड्यूटी भी कर रहे हैं, लेकिन इस प्रकार से मेला लगाकर नियुक्ति पत्र नही बांटा गया था।
नियुक्ति इससे पहले एक सामान्य प्रक्रिया थी और विभागों के द्वारा जारी नियुक्ति पत्र लेकर उम्मीदवार सीधे विभाग में योगदान दे देते थे।
बताया जाता है कि नियुक्ति पत्र मेला लगाने के निर्देश पुलिस मुख्यालय के द्वारा पटना पुलिस महानिरीक्षक और पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को दिया गया है। नियुक्ति से पूर्व अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के साथ उनका मेडिकल जांच पहले ही रेंज और जिलावार किया जा चुका है।
तेजस्वी का नौकरी वाला ऐलान है वजह?
बता दें बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के बेरोजारों के लिए 20 लाख नौकरी और रोजगार की घोषणा की थी। माना जा रहा है कि इसी के तहत सरकार की मंशा इस तरह नियुक्ति पत्र देकर नौकरी देने को दर्शाया जा रहा है। हालांकि सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि यह नियुक्तियां पूर्व की सरकार के द्वारा की गई थीं लेकिन इन्हें फिर से नियुक्ति पत्र सौंपा जा रहा है।