अधिकारियों पर सीएम नीतीश कुमार नहीं कर पा रहे हैं भरोसा, मंच पर शपथ दिलाने पर अपमानित करने का लग रहा है आरोप

By एस पी सिन्हा | Published: November 28, 2022 05:33 PM2022-11-28T17:33:34+5:302022-11-28T17:43:18+5:30

इस पूरे विवाद पर जानकारों की राय अलग है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री का काम है कि वह अधिकारियों को टास्क दें और अधिकारी उसे पूरा करें। लेकिन सार्वजनिक रूप से यह शपथ दिलवाया जाना एकतरह से अधिकारियों को अपमानित किए जाने के समान है।

bihar CM Nitish Kumar not able trust officials being accused humiliating them taking oath stage | अधिकारियों पर सीएम नीतीश कुमार नहीं कर पा रहे हैं भरोसा, मंच पर शपथ दिलाने पर अपमानित करने का लग रहा है आरोप

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsसीएम नीतीश कुमार पर अधिकारियों को अपमानित करने का आरोप लग रहा है। उन पर उन्हें मंच पर बुलाकर शपथ दिलाने और वादा करवाने से अपमानित करने का आरोप लग रहा है। ऐसे में कुछ घटनाएं भी सामने आई है जहां पर सीएम नीतीश अधिकारियों को मंच पर बुलाए है और उनको शपथ भी दिलाई है।

पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ आने के बाद से शायद अधिकारियों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि अधिकतर कार्यक्रमों के दौरान नीतीश कुमार वहां मौजूद अधिकारियों से यह वादा कराते हैं कि अमूक काम वह करेंगे न! 

सीएम नीतीश के बर्ताव से कैसा महसूस कर रहे है कर्मचारी

यही नही वह अधिकारियों को मंच पर तलब कर उनसे शपथ दिलवाते हैं कि इस अमूक काम को वह ईमानदारी पूर्वक करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा यह फंडा अपनाए जाने से अधिकारियों के बीच अब खुद को अपमानित किये जाने की भावना उत्पन्न होने लगी है। 

हालांकि सरकार के सामने अधिकारी कुछ बोल नही पाते हैं, लेकिन दबी जुबान यह चर्चा होने लगी है कि या तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकारियों पर भरोसा नही हो पा रहा है अथवा मुख्यमंत्री के द्वारा उन्हें जलील किया जाने लगा है। 

इस पूरे विवाद पर क्या कहना है जानकारों का

जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री का काम है कि वह अधिकारियों को टास्क दें और अधिकारी उसे पूरा करें। लेकिन सार्वजनिक रूप से यह शपथ दिलवाया जाना एकतरह से अधिकारियों को अपमानित किये जाने के समान है। 

कहा जा रहा है कि जिस तरह से सत्ता में रहते हुए लालू प्रसाद यादव के द्वारा अधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता था, ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी करने लगे हैं। 

हाल में ही अधिकारियों को मंच पर बुलाकर दिलाया गया था शपथ

अभी पिछले ही दिनों मद्य निषेध दिवस के मौके पर पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पटना के जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को मंच पर बुलाकर यह शपथ दिलवाया कि वह पटना में दारू बंद करायेंगे। 

ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार के आदेशानुसार अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हीं रहते हैं और उस दिशा में कठोर कार्रवाई भी करते रहते हैं। बावजूद इसके उनको मंच पर बुलाकर सार्वजनिक रूप से कार्रवाई किए जाने का दिशा-निर्देश दिया जाना एकतरह से अपमानित किए जाने के समान है। 

शराबबंदी के अभियान में लाइए और तेज गति- सीएम नीतीश कुमार

यही नहीं सीएम नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को मंच से ही निर्देश देते हुए कहा कि असली धंधेबाज को पकड़कर जेल में भेजिए। हर विभाग से शराबबंदी को लेकर यह प्रचार-प्रसार कराईये। उन्होंने मंच से पुलिस व प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की ओर इशारा करते हुआ कहा कि इस अभियान को और तेज गति से बढाईये। 

उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र देते समय भी घटी थी ऐसी घटना

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नही था, इसके पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र देते हुए राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से यह कह दिया था कि आपने प्रवचन तो अच्छा दिया, लेकिन आप भूल गए हैं आपका काम है देखना, आप बहाली कराइए। आपको हम मुख्य सचिव बनाकर रखे हैं। 

यही नही उन्होंने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि आपको मुख्य सचिव बनाये थे, लेकिन आपने भी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की है। यह महज दो उदाहरण हैं। इसके आलावे भी कई और मौकों है जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे है।

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