Bihar: महिला संवाद यात्रा नहीं प्रगति यात्रा पर निकलेंगे सीएम नीतीश?, 23 दिसंबर से पश्चिम चंपारण के चनपटिया से शुरू, देखिए कार्यक्रम शेयडूल
By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2024 16:26 IST2024-12-17T16:25:17+5:302024-12-17T16:26:08+5:30
Bihar: मंत्रिमंडल ने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा के लिए 225 करोड़ रुपए जारी करने को स्वीकृति प्रदान की थी।

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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब महिला संवाद यात्रा के बदले 23 दिसंबर से 'प्रगति यात्रा' पर निकलेंगे। अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने मंगलवार को इसे लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय के अधिसूचना में जानकारी दी। प्रगति यात्रा के प्रथम चरण की शुरुआत 23 दिसम्बर को होगी। वे पश्चिम चंपारण के चनपटिया से इसकी शुरुआत करेंगे। प्रथम चरण में 23 दिसंबर से 28 दिसम्बर यात्रा होगी।उनकी इस यात्रा की शुरुआत सोमवार को पश्चिम चंपारण से होगी। फिर वाल्मीकिनगर में ही रात्रि विश्राम करेंगे। फिर 24 दिसंबर 2024 को पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में रहेंगे और वापस पटना लौट आएंगे। इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस का अवकाश है। फिर 26 दिसंबर को शिवहर और सीतामढ़ी में रहेंगे और फिर वापस पटना लौट आएंगे।
इसके बाद 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में रहेंगे और पटना वापस आ जाएंगे। फिर 28 दिसंबर शनिवार को वे वैशाली जाएंगे और फिर देर रात पटना लौट आएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा की समीक्षात्मक बैठक में संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री और जिले के निवासी मंत्री उपस्थित रहेंगे।
इसके अतिरिक्त समीक्षात्मक बैठक में मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक तथा निर्धारित विषयों से संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/ सचिव बैठक में उपस्थित रहेंगे। जिसकी सूचना उन्हें ससमय उपलब्ध करा दी जाएगी। जबकि संबंधित विभागों के मंत्री तथा अन्य पदाधिकारीगण इन समीक्षात्मक बैठकों में वीसी के माध्यम से जुड़ेंगे।
अन्य विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/ सचिव भी उक्त कार्यक्रम में वीसी के माध्यम से भाग लेंगे। इन समीक्षात्मक बैठकों में स्थानीय सांसद, स्थानीय विधायक, स्थानीय पार्षद स्वेच्छा से भाग ले सकेंगे लेकिन समीक्षा के बिन्दु निर्धारित विषय-वस्तु के अंतर्गत ही होंगे।
दरअसल, राज्य मंत्रिमंडल ने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा के लिए 225 करोड़ रुपए जारी करने को स्वीकृति प्रदान की थी। हालांकि उनकी इस यात्रा का विपक्षी दलों की ओर से जोरदार विरोध किया गया। इतना ही नहीं इसे राज्य के खजाने का दुरुपयोग बताते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे फिजूलखर्ची करार दिया था। वहीं लालू यादव ने इसे आंख सेंकने वाली यात्रा कहा था।