पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत अतिरिक्त 10 लाख नौकरियों की घोषणा की। राज्य के डिप्टी तेजस्वी यादव ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी साझा की। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह घोषणा भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को सीएम नीतीश कुमार के संबोधन के दौरान की गई।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "गांधी मैदान से बेरोजगारों एवं युवाओं की अपेक्षाओं और सपनों के अनुरूप बिहार में 10 लाख नौकरियां एवं अन्य 10 लाख नौकरियों की व्यवस्था करने की ऐतिहासिक घोषणा पर आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का कोटि-कोटि धन्यवाद। हम और आप ले चलेंगे बिहार को विकास और प्रगति के पथ है शपथ!" यादव ने घोषणा के लिए कुमार को भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "अभिभावक आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पटना के गांधी मैदान से ऐतिहासिक ऐलान- 10 लाख नौकरियों के बाद 10 लाख अतिरिक्त नौकरियां दूसरी अन्य व्यवस्थाओं से भी दी जाएगी। जब्जा है बिहारी, जुनून है बिहार, उत्तम बिहार का सपना करना है साकार।"
पटना के गांधी मैदान से बिहार के लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कई घोषणाएं कीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार नौकरियों और रोजगार के लिए सब कुछ करेगी। उन्होंने कहा, "हम अब साथ हैं। हमारी अवधारणा है कि हमें इसे (नौकरी) कम से कम 10 लाख करना चाहिए, लेकिन मैं यह कहूंगा हम युवाओं के रोजगार के साथ-साथ नौकरियों के लिए भी काम करेंगे।"
बिहार के सीएम ने कहा, "हम इतने पैमाने पर रोजगार और रोजगार की व्यवस्था करेंगे सरकार के भीतर भी और बाहर भी हमारी इच्छा इसे 20 लाख तक ले जाने की है।" उन्होंने कहा कि महिला प्रजनन दर 2005 में 4.3 प्रतिशत से गिरकर 2022 में 2।9 प्रतिशत हो गई है, जो इसे लड़कियों की शिक्षा पर उनकी सरकार के ध्यान की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में उजागर करती है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रजनन दर को कम करने के लिए किसी निषेधात्मक कानून की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून का बचाव करते हुए कहा कि सरकार महात्मा गांधी के विचारों के अनुरूप सामाजिक सुधारों पर काम कर रही है। गांधी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "शराब न केवल पुरुषों के पैसे बल्कि उनके कारणों से लूटती है।" उन्होंने शराब के सेवन के दुष्प्रभावों पर 2018 विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि हर साल शराब के सेवन से 30 लाख मौतें होती हैं।