ABC जानते हैं जो 2005 के बाद से बिहार में हुआ?, प्रशांत किशोर पर नीतीश ने साधा निशाना, कहा यह उनका यह धंधा है...
By अनिल शर्मा | Published: September 8, 2022 07:34 AM2022-09-08T07:34:32+5:302022-09-08T08:19:36+5:30
नीतीश कुमार ने कहा कि उनके (प्रशांत किशोर) बयानों का कोई मतलब नहीं है। क्या जानते हैं कि 2005 के बाद से राज्य में क्या किया गया है। वह मेरे साथ शामिल हो गए और मैंने उन्हें (वह जो काम कर रहे थे) छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और कई पार्टियों के लिए काम किया।
नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर पर तीखा हमला किया। नीतीश कुमार ने बुधवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर कटाक्ष करते हुए उन्हें प्रचार विशेषज्ञ बताया और कहा कि वह शायद भाजपा की मदद करना चाहते हैं। प्रशांत जनता दल-यूनाइटेड में शामिल हो गए थे और बाद में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। इससे जुड़े सवाल पर नीतीश कुमार ने किशोर का बिना नाम लिए कहा कि क्या जानते हैं कि 2005 के बाद से राज्य में क्या किया गया है।
बकौल नीतीश- उनके बयानों का कोई मतलब नहीं है। क्या जानते हैं कि 2005 के बाद से राज्य में क्या किया गया है। वह मेरे साथ शामिल हो गए और मैंने उन्हें (वह जो काम कर रहे थे) छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और कई पार्टियों के लिए काम किया।
पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि वो उनका धंधा है। वह बिहार में जो करना चाहते हैं, उन्हें करने दें। उनके बयानों का कोई मतलब नहीं है। बिहार के सीएम ने कहा कि क्या वह 'एबीसी' जानते हैं जो 2005 के बाद से किया गया है? हाँ, ये लोग जानते हैं कि बयान कैसे देना है, प्रचार कैसे करना है। वे इसमें विशेषज्ञ हैं और बताते रहते हैं। नीतीश ने कहा कि अगर कोई इस तरह की बात कर रहा है, तो समझने की कोशिश करें। उनके दिमाग में जरूर कुछ होगा। यह भाजपा के साथ रहना या गुप्त तरीके से भाजपा की मदद करना हो सकता है।"
कुमार ने पिछले महीने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर राजद के साथ फिर से सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया था। किशोर ने एक ट्वीट में कुमार पर कटाक्ष किया था और कहा था कि पिछले 10 वर्षों में नीतीश कुमार द्वारा राज्य में सरकार बनाने का छठा प्रयोग है। लोगों के विचार पूछे।
भाजपा के साथ नाता तोड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट में यह उम्मीद जताई थी कि नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने और राजद और अन्य विपक्षी दलों के साथ नई सरकार बनाने के साथ, बिहार के मुख्यमंत्री गठबंधन पर अडिग रहेंगे और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे।
एएनआई से बात करते हुए प्रशांत ने कहा था- मैं देख रहा हूं कि बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के दौर के संदर्भ में अब क्या हो रहा है. 2013-14 के बाद से बिहार में सरकार बनाने का यह छठा प्रयास है। जब किसी की राजनीतिक या प्रशासनिक अपेक्षाएं पूरी नहीं होती हैं, तो फॉर्मेशन बदल जाते हैं। उन्होंने कहा था कि राज्य में पिछले 10 वर्षों से "राजनीतिक अस्थिरता" का युग चल रहा है और नीतीश कुमार ही इस सब में स्थिर बने रहे, स्थिति के मुख्य अभिनेता और उत्प्रेरक बनकर।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने इस सप्ताह कांग्रेस के राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई बैठकें की हैं। नीतीश कुमार ने हाल ही में भाजपा से नाता तोड़कर राजद के साथ बिहार में सरकार बनाई है। नीतीश ने संवाददाताओं से कहा, "हम मुख्य मोर्चा बनना चाहते हैं, तीसरा मोर्चा नहीं।" उन्होंने कहा कि वह विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे।