बिहार: बोधगया में शांति-अहिंसा का संदेश देनेवाले बौद्ध भिक्षु हिंसा पर उतर आपस में भिड़े, खूब चले लात-घूंसे
By एस पी सिन्हा | Published: October 14, 2019 05:26 PM2019-10-14T17:26:11+5:302019-10-14T17:37:49+5:30
चीवर दान कार्यक्रम के दौरान रविवार को सैंकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर परिसर में विशेष पूजा की, वहीं पूजा में बैठने को लेकर दो बौद्ध भिक्षु आपस में भिड़ गए. अन्य बौद्ध भिक्षुओं ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कराया, फिर पूजा शुरू हुई.
भगवान बुद्ध की पावन नगरी तब शर्मसार हो गई, जब बोधगया के विश्वविख्यात महाबोधि मंदिर के परिसर में रविवार को दो बौद्ध भिक्षु हिंसा पर उतर आए. महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं के दो गुट आपस में भीड़ गए. दुनिया को शांति व अहिंसा का संदेश देनेवाले ये बौद्ध भिक्षु खुद हिंसा पर उतारू थे. पवित्र बोधिवृक्ष के समीप दान के पैसे को लेकर हुए विवाद में भिक्षुओं के दो गुट आपस में भीड़े. इनके बीच पहले धक्का—मुक्की हुई और बाद में दोनों एक—दूसरे पर लात—घूसे चलाने लगे. इस मामले में महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्षु चालिंदा ने बोधगया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार चीवर दान कार्यक्रम के दौरान रविवार को सैंकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर परिसर में विशेष पूजा की, वहीं पूजा में बैठने को लेकर दो बौद्ध भिक्षु आपस में भिड़ गए. अन्य बौद्ध भिक्षुओं ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कराया, फिर पूजा शुरू हुई. इस दौरान काफी संख्या में देशी—विदेशी पर्यटक व श्रद्धालु महाबोधि मंदिर घूम रहे थे. साथ ही बोधिवृक्ष के नीचे किसी बौद्ध संगठन की विशेष पूजा चल रही थी.
करीब 15 मिनट तक दोनों गुटों में गाली—गलौज व मारपीट का दौर चलता रहा. वहीं, बीटीएमसी के निजी गार्ड व बीएमपी जवानों की पर्याप्त संख्या बल होने के बाद भी सभी मूकदर्शक बने रहे. हालांकि, इसकी भनक लगते ही मंदिर सुरक्षा के प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार पहुंचे और मामले को शांत कराया. पूरी वारदात बोधिवृक्ष के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद है. पुलिस की मौजूदगी में भी दोनों एक—दूसरे को बाहर निकल कर देख लेने बात करते रहे. भिक्षुओं की इस हरकत को देख खासकर विदेशी पर्यटक हैरत में थे.
वहीं, मंदिर सुरक्षा के इंस्पेक्टर ने बताया कि मंदिर में मारपीट करना गंभीर बात है. जवानों ने दोनों गुटों को वहां से हटाया. फिलहाल किसी भिक्षु ने अब तक लिखित शिकायत नहीं दर्ज कराई है. मामले की जानकारी जब डीएम अभिषेक सिंह को मिली, उन्होंने मामले की जांच का निर्देश दिया है. डीएम के निर्देश पर महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्षु चलिंदा ने आरोपितों के खिलाफ बोधगया थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. बोधगया का पर्यटन सत्र शुरू होते ही यहां फर्जी बौद्ध भिक्षुओं की भी संख्या अचानक बढ गई है. फर्जी भिक्षु विदेशी पर्यटक व श्रद्धालुओं से जबरन दान के रूप में पैसे की मांग करते हैं. पैसा नहीं देने पर परेशान करने के साथ-साथ आपस में मारपीट तक कर लेते हैं. मारपीट की पुष्टि करते हुए थानाध्यक्ष मोहन कुमार सिंह ने कहा कि पूजा में बैठने को लेकर बौद्ध भिक्षु आपस में लड़ गए. हालांकि दूसरे बौद्ध भिक्षु ने मामले को शांत कराया. सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
यहां बता दें कि बौद्ध भिक्षुओं के लिए वर्षावास बहुत महत्वपूर्ण है. 16 जुलाई से 13 अक्टूबर तक वर्षावास चलता है. बौद्ध भिक्षु वर्षावास में बौद्ध कुटिया या बौद्ध विहार में आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक रहते हैं, पूरे तीन माह तक एक वक्त भोजन कर साधना और अध्ययन में लगे रहते हैं. वर्षावास के समाप्ति पर बौद्ध भिक्षु धर्म प्रचार के लिए निकलते हैं. यह परंपरा ढाई हजार साल पुरानी है. वर्षावास समाप्ति के बाद 1 माह तक बौद्ध भिक्षुओं के लिए चीवर दान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.