बिहार: कोरोना से जंग के बीच बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू, मरने लगे हैं कौवे
By एस पी सिन्हा | Published: March 21, 2020 07:22 AM2020-03-21T07:22:01+5:302020-03-21T07:22:01+5:30
राजधानी पटना में लगातार मरे कौए मिल रहे हैं, इन्हें बर्ड फ्लू होने का संदेह है. मरे कौए के रक्त के नमूने कोलकाता सेंट्रल लैब में जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जबकि मुजफ्फरपुर में स्वाइन फ्लू का एक मरीज मिला है.
कोरोना वायरस के संक्रमण से जारी जंग के बीच बिहार में बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. इस खतरे को देखते हुए आम लोग और भी ज्यादा दहशतजदा हो गये हैं. राजधानी पटना में लगातार मरे कौए मिल रहे हैं, इन्हें बर्ड फ्लू होने का संदेह है. मरे कौए के रक्त के नमूने कोलकाता सेंट्रल लैब में जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जबकि मुजफ्फरपुर में स्वाइन फ्लू का एक मरीज मिला है. इसकी पुष्टि एसकेएमसीएच के वायरोलॉजी लैब से आरएमआरआइ जांच को भेजे गए नमूने की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद हुई है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
वहीं, बिहार पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ. उमेश कुमार का कहना है कि पटना के कई इलाकों में कौए की मरने की सूचना मिल रही है. इसके बाद संस्थान की टीम ने जाकर, वहां पर जांच-पड़ताल की तो एक मरा हुआ कौआ बरामद किया गया. वहीं पटना हाईकोर्ट कैंपस में भी मरा हुआ कौआ मिलने से हड़कंप मच गया. इसके बाद वहां दवा का छिड़काव किया गया.
इसके पहले भी सात मरे कौए बरामद किए गए थे. इनकी जांच भी कोलकाता के सेंट्रल लैब में कराई गई थी, जिसमें उन्हें रानीखेत की बीमारी होने की उम्मीद है. उसके बाद कंकड़बाग में भी कौए की मौत होने की सूचना मिली थी, उसकी जांच कराई गई तो उसकी मौत बर्ड फ्लू से हुई थी. पिछले तीन-चार दिनों में राजधानी में लगातार मरे हुए कौवे बरामद किए जाने से हड़कंप मच गया है.
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक जिन पक्षियों में बर्ड फ्लू की बीमारी पाई गई है वह जंगली है. पाल्ट्री में अब तक बर्ड फ्लू के राज्य में कोई संकेत नहीं मिले हैं. बिहार के अलावा उड़ीसा में भी कुछ पक्षियों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत होने की सूचना मिली थी. इसबीच, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक ने बताया कि जिन जगहों से मरे हुए कौवे बरामद किए जा रहे हैं, वहां पर एंटी वायरल दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है.
उधर, मुजफ्फरपुर में स्वाइन फ्लू की चपेट में आया मरीज सकरा थाना क्षेत्र का है. बताया जाता है कि 21 फरवरी को इटली के मिलान शहर से भाई की शादी में भाग लेने के लिए दंपती मासूम बच्चे के साथ दिल्ली आया. 22 फरवरी को दिल्ली से तीन अन्य स्वजनों के साथ गांव पहुंचा. सर्दी, खांसी व बुखार होने पर 13 मार्च की शाम कोरोना वायरस की आशंका पर एक मासूम एवं वृद्धा समेत छह लोगों के स्वास्थ्य की जांच मुरौल पीएचसी में की गई.
इसके बाद सभी को एसकेएमसीएच भेजा गया था. जहां आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सकों की टीम ने इनसे सैंपल लिया. जिसे जांच के लिए आरएमआरआइ पटना भेजा गया. सभी की कोरोना वायरस की रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन, एक युवक की रिपोर्ट में एच-वन एन-वन पॉजीटिव मिली है. इससे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
इस संबंध में एसकेएमसीएच औषधि विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान दास ने बताया कि 'वायरस कई प्रकार के होते हैं. इन्फ्लूएंजा ए पॉजीटिव भी एक प्रकार का वायरस है. इससे तीन से चार दिन में मरीज स्वयं स्वस्थ हो जाते हैं. लेकिन चिकित्सक से परामर्श अनिवार्य है. एच-वन एन -वन पॉजीटिव रिपोर्ट स्वाइन फ्लू का होता है. कोरोना वायरस के आशंकित मरीजों की कई तरह की जांच की जाती है. एच-वन एन -वन आने वाले मरीजों का सैंपल पुणे में जांच को भेजा जाएगा. जहां से अंतिम रिपोर्ट आने पर स्वाइन फ्लू की पुष्टि होगी.