Bihar Assembly Elections 2025: क्या बिहार में प्रशांत किशोर को हासिल होगी जीत? अंदरूनी कलह की अफवाहों का बाजार गर्म

By एस पी सिन्हा | Updated: October 27, 2025 16:03 IST2025-10-27T16:02:24+5:302025-10-27T16:03:05+5:30

Bihar Assembly Elections 2025: इसी कड़ी में गिरिराज सिंह ने कहा कि जनसुराज सिर्फ वोट काटने वाली पार्टी है, असली फायदा राजद को होगा।

Bihar Assembly Elections 2025 Will Prashant Kishor win in Bihar Rumors of internal strife are rife | Bihar Assembly Elections 2025: क्या बिहार में प्रशांत किशोर को हासिल होगी जीत? अंदरूनी कलह की अफवाहों का बाजार गर्म

Bihar Assembly Elections 2025: क्या बिहार में प्रशांत किशोर को हासिल होगी जीत? अंदरूनी कलह की अफवाहों का बाजार गर्म

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार मं बदलाव की बयार(हवा) बहाने का दावा करने वाले जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की ट्रेन ट्रैक पर चलेगी अथवा डिरेल हो जाएगा, इसको लेकर कानाफूसी शुरू हो गई है। दरअसल चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जनसुराज के जरिए राज्य की राजनीति में तीसरे मोर्चे का दावा ठोक दिया था। तीन साल की लगातार पदयात्रा और विकास के वादों के साथ उन्होंने 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया। लेकिन अब चुनावी रण में उनकी पार्टी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

जनसुराज के कई उम्मीदवार और नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, जबकि अंदरूनी कलह और ‘बी टीम’ के आरोपों ने प्रशांत किशोर की सियासी जमीन को हिला दिया है। भाजपा और राजद दोनों ही जनसुराज को एक-दूसरे की “बी टीम” बता रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठाया जाने लगा है कि क्या जनसुराज का सूरज उगने से पहले ही ढल जाएगा? बता दें कि जनसुराज को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उसके तीन उम्मीदवार डॉ. शशि शेखर सिन्हा (गोपालगंज), डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी (ब्रहमपुर, बक्सर) और अखिलेश कुमार उर्फ मूटोर साव (दानापुर, पटना) ने नामांकन से पहले ही पार्टी छोड़ दी।

यही नहीं पार्टी प्रवक्ता अमित कुमार पासवान, पूर्व जिला पार्षद अनीता कुमारी और संस्थापक सदस्य कर्मवीर पासवान भी भाजपा में शामिल हो गए। प्रशांत किशोर ने इसका ठीकरा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर फोड़ा और आरोप लगाया कि भाजपा “डर के कारण” जनसुराज के उम्मीदवारों को धमकाकर मैदान से हटा रही है। लेकिन जानकारों की मानें तो जनसुराज के अंदर अब कार्यकर्ताओं में भी गुस्सा है। उनका आरोप है कि मेहनत करने के बावजूद टिकट बाहरी “पैराशूट उम्मीदवारों” को दे दिए गए। पार्टी के नेता रवि नंदन सहाय ने कहा कि संभावित प्रत्याशियों से 21,000 रुपए जमा करवाए गए थे, पर टिकट पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति केसी सिन्हा को दे दिया गया।

जो पार्टी में आधिकारिक तौर पर शामिल भी नहीं हुए थे। इससे स्थानीय नेताओं में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि भाजपा और राजद के द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज विपक्षी वोट काटने के लिए मैदान में उतरी है। इसी कड़ी में गिरिराज सिंह ने कहा कि जनसुराज सिर्फ वोट काटने वाली पार्टी है, असली फायदा राजद को होगा।

वहीं राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन का दावा है कि जनसुराज असल में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए की “बी टीम” है। ऐसे में प्रशांत किशोर के सामने चुनौती यह साबित करने की है कि वे सच में बदलाव का विकल्प हैं, न कि सिर्फ “वोट कटवा” खिलाड़ी। बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर मतदान दो चरणों 6 और 11 नवंबर को में होगा। जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। कुल 7.24 करोड़ मतदाता इस बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

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