बिहार चुनाव 2025ः तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कांग्रेस की नई रणनीति?, विधायकों की आपात बैठक, सीट बंटवारे फार्मूले पर चर्चा
By एस पी सिन्हा | Updated: June 13, 2025 17:57 IST2025-06-13T17:56:52+5:302025-06-13T17:57:56+5:30
Bihar Assembly Elections 2025: बैठक में कांग्रेस की प्रमुख योजनाओं जैसे माई बहिन योजना और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विधायकों को सौंपी जाएगी।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी राजनीतिक गतिविधियों के बीच गुरुवार को हुई महागठबंधन की बैठक और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद अब कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि वे 15 जून को पटना स्थित होटल मौर्या में शाम 7 बजे आयोजित होने वाली अहम बैठक में उपस्थित रहें। इस बैठक का मुख्य एजेंडा सीट बंटवारे के फार्मूले पर सभी विधायकों से विचार-विमर्श करना है। कांग्रेस के नेता इस बैठक के बाद तेजस्वी यादव के सामने सीट बंटवारे का प्रस्ताव रखेंगे।
बैठक में विधायकों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वे पार्टी के कार्यक्रमों को जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। बैठक में कांग्रेस की प्रमुख योजनाओं जैसे माई बहिन योजना और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विधायकों को सौंपी जाएगी।
बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू सहित तमाम वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे और मुख्य रूप से विधायकों से रू ब रू होंगे। सभी विधायकों को इस बैठक में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सभी विधायकों को माई बहिन योजना के साथ अन्य योजनाओं को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस माई बहिन योजना को एक महत्वपूर्ण फैक्टर बनाना चाह रही है। यह योजना, जिसे महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सहायता से जोड़ा जा रहा है, बिहार में मतदाताओं, खासकर महिला वोटरों को लुभाने का एक बड़ा हथियार बन सकती है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी ने नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे जनता के बीच जाकर योजनाओं का प्रचार करें।
उनकी जमीन पर प्रभावी लागू करने की दिशा में काम करें। कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसकी रणनीति और योजनाएं मतदाताओं तक पहुंचें। माई बहिन योजना को लेकर पार्टी का मानना है कि यह बिहार की महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।