बिहार चुनावः राहुल-तेजस्वी ने पीएम मोदी की कोशिशों के बाबजूद नहीं बदलने दिया चुनावी एजेंडा
By शीलेष शर्मा | Published: November 5, 2020 08:41 PM2020-11-05T20:41:51+5:302020-11-05T20:43:30+5:30
राहुल का ट्वीट राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव के एजेंडे को बदलने की भरसक कोशिश की.
नई दिल्लीः बिहार चुनाव में महागठबंधन की जीत को लेकर आश्वस्त राहुल गाँधी ने अंतिम चरण के मतदान से पहले बिहार के मतदाताओं को भरोसा दिया कि महागठबंधन ने जो वादे किये हैं वह पूरे होंगे ,राहुल ने ट्वीट किया " हो जाओ तैयार, अब महागठबंधन सरकार, आप तक पहुंचायेगी रोज़गार, किसान का कर्ज़ माँफ, बिजली बिल हाफ़।
बेटियों को मुफ़्त शिक्षा और इंसाफ सब वर्गों की तरक़्क़ी से बाधाएं साफ़। उद्योग -व्यापार लायेंगे ,नया बिहार बनायेंगे। " राहुल का ट्वीट राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव के एजेंडे को बदलने की भरसक कोशिश की ,कभी जंगल राज ,तो कभी हिन्दू -मुसलमान ,कभी पाकिस्तान तो कभी अन पढ़ युवराज लेकिन राहुल और तेजस्वी ने चुनाव के एजेंडे को मुख्य मुद्दों से भटकने नहीं दिया।
इसी रणनीति के तहत राहुल ने ताबूत में आखिरी कील ठोंकने के लिये ट्वीट किया जिसमें उन वादों को दोहराया गया जो महागठबंधन ने मतदाताओं के सामने रखे थे। हैरानी की बात तो यह रही की जिस जाति आधारित चुनाव के बिहार पहचाना जाता था वह जाति का मुद्दा मौजूद रहते हुये रोज़गार की आड़ में छिप गया।
असदुद्दीन ओवेसी को भी कांग्रेस ने अंतिम चरण के मतदान से पहले बे नक़ाब कर दिया और पूछा कि जो नेता अपने प्रदेश में केवल 9 सीटों पर चुनाव लड़ता हो तो बिहार में 24 सीटों पर चुनाव लड़ कर किसकी मदद कर रहे हैं। ओवेसी ने जो काम महाराष्ट्र में किया वही बिहार में करने आये हैं ,कांग्रेस मुसलमान वोटों को एकजुट रखने के लिये ओवेसी के चेहरे पर पड़े नक़ाब को उतार रही थी। यह साफ़ करने के लिये कि ओवेसी भाजपा के लिये बिहार आये हैं।