बिहार विधानसभा में बांटे गए 'आम' को लेकर हंगामा, राबड़ी देवी ने कहा- खाने वाले को लगेगी हाय
By एस पी सिन्हा | Published: July 3, 2019 08:35 PM2019-07-03T20:35:40+5:302019-07-03T20:35:40+5:30
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा में कृषि बजट पेश किये जाने को लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी विधायकों को आम की टोकरी बांटी गई. साथ ही आम के दो-दो पौधे भी बांटे गये.
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के चौथे दिन आज(3 जुलाई) विधानसभा में कृषि बजट पेश किये जाने को लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी विधायकों को आम और आम का पौधा दिया गया, जिसे लेने से राजद विधायकों ने मना कर दिया और तंज कसा कि एक तरफ एईएस से बच्चों की मौत हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार आम बांट रही है. ये तो संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. हम ऐसा आम नहीं लेंगे.
वहीं, विधान परिषद में नेता विरोधी दल व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आम लेने से इनकार करते हुए कहा कि जो भी विधायक आम खायेगा उसे हाय लगेगी. उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा वाले ही आम खाएं. उनलोगों को गरीबों की आह लगेगी. राबडी देवी ने आज फिर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का इस्तीफा मांगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने हलफनामा दायर किया है, उससे कई चीजें उजागर हुई हैं. राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार खुद कहती है कि बिहार में डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे में 15 साल सरकार ने क्या किया है? सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को शर्म आनी चाहिए और उनको इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत हो रही है और सरकार आम बांट रही है. दरअसल, सरकार ने विधायकों को मालदह आम और आम का पेड़ देने की पहल शुरू की. सरकार के आम देने की पहल को लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा में कृषि बजट पेश किये जाने को लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी विधायकों को आम की टोकरी बांटी गई. साथ ही आम के दो-दो पौधे भी बांटे गये. बताया जाता है कि आम बांटने का रिवाज पहले से चलता आ रहा है. आज आम बांटे जाने का राजद और कांग्रेस ने विरोध किया है.
वहीं, कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि ये आम जो भी खायेगा, उसका पेट खराब हो जायेगा. इसबीच, विधायकों को आम बांटे जाने को लेकर विधान परिषद में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी के बयान पर जदयू नेता व सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने पलटवार करते हुए कहा कि विधायकों को आम की टोकरी बांटना मुजफ्फरपुर में इन्सेफ्लाइटिस से हो रही मौतों से नहीं जोड़ा चाहिए.
रजक ने कहा कि एईएस से बच्चों की मौत गर्मी के कारण हुई है. पर्यावरण बेहद खतरनाक स्थिति में है. आम के पौधे वितरित कर लोगों को पेड़ लगाने का संदेश देने की कोशिश की जा रही है. आम के पौधे लोगों को अधिक से अधिक लगाने के लिए कहने का एक तरीका है, ताकि समस्या को हल किया जा सके. यहां उल्लेखनीय है कि बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र में मुजफ्फरपुर में एईएस से हो रही बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष लगातार हमलावार है और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है.