राजस्थान कांग्रेस में अन्दरूनी घमासान! गहलोत समर्थक विधायकों का इस्तीफा, बोले- वफादारों का ख्याल रखे पार्टी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 26, 2022 07:03 AM2022-09-26T07:03:17+5:302022-09-26T09:36:25+5:30
राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर बड़े सियासी संकट से जूझ रही है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खींचतान ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। यह सियासी ड्रामा रविवार शाम से शुरू हुआ।
जयपुर: कांग्रेस इन दिनों अपने नए अध्यक्ष की तलाश की कवायद में जुटी थी पर अब उसके लिए राजस्थान में संकट पैदा हो गया है। राजस्थान में कांग्रेस अपने ही बनाए मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। दरअसल, राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायकों ने अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को सौंप दिए।
राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया, 'हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे।'
इससे पहले राज्य के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं।' यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, 'लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।' कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने 92 विधायकों के इस्तीफा देने का दावा किया है।
'कांग्रेस आलाकमान के लिए निष्ठावान रहे लोगों का पार्टी रखे ध्यान'
इसके साथ ही मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक (राज्य में मुख्यमंत्री गहलोत के उत्तराधिकारी को लेकर) कोई बात नहीं होगी। जोशी के निवास से निकलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, 'सब कुछ ठीक है।'
वहीं, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जोशी ने कहा, हमने अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है... उम्मीद करते हैं कि आने वाले जो फैसले होंगे उनमें उन बातों का ध्यान रखा जाएगा। विधायक चाहते हैं कि जो कांग्रेस अध्यक्ष और आलाकमान के प्रति निष्ठावान रहे हैं उनका पार्टी पूरा ध्यान रखे।'
राजधानी जयपुर में यह सारा घटनाक्रम कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में गहलोत का उत्तराधिकारी चुनने की संभावनाओं के बीच हुआ। इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनका उत्तराधिकारी चुने जाने की चर्चा है।
राजस्थान में रविवार शाम से शुरू हुआ सियासी ड्रामा
दरअसल, विधायक दल की बैठक शाम सात बजे मुख्यमंत्री निवास में होनी थी लेकिन बैठक से पहले ही गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर इकट्ठा होने लगे। यहां से वे रात लगभग साढ़े आठ बजे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी के आवास पहुंचे और आधी रात तक वहीं रहे। बीच में संसदीय मंत्री धारीवाल, मुख्य सचेतक जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मुख्यमंत्री निवास भी गए।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस होटल में गए थे जहां दिल्ली से आए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अजय माकन रुके थे। वहां इन नेताओं के बीच लंबी बैठक हुई। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। कुछ और विधायक भी विधायक दल की प्रस्तावित बैठक में भाग लेने पहुंचे लेकिन यह बैठक अंतत: नहीं हुई।
राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं। पार्टी को 13 निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन प्राप्त है। गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था।