नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भूपेन हजारिका के बेटे का मोदी सरकार पर हमला, भारत रत्न लेने से किया इनकार

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 12, 2019 09:44 AM2019-02-12T09:44:58+5:302019-02-12T09:51:43+5:30

bhupen hazarika son tej rejected bharat ratna for Citizenship Amendment Bill | नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भूपेन हजारिका के बेटे का मोदी सरकार पर हमला, भारत रत्न लेने से किया इनकार

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भूपेन हजारिका के बेटे का मोदी सरकार पर हमला, भारत रत्न लेने से किया इनकार

Highlightsभूपेन हजारिका असम के विख्यात गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्मकार थेपूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक पर कई दिनों से प्रदर्शन जारी हैआज राज्यसभा में पेश होगा नागरिकता संशोधन विधेयक

भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में 'भारत रत्न' न स्वीकार ने का निर्णय किया है. तेज हजारिका अमेरिका में रहते हैं. भूपेन हजारिका को 25 जनवरी को केंद्र ने सर्वोच्च नागरिक अलंकरण से नवाजने का ऐलान किया था. हालांकि, हजारिका के दूसरे बेटे समर और उनके परिवार का कहना है कि भूपेन हजारिका जैसी हस्ती के लिए व्यक्तिगत रूप से इतना बड़ा फैसला नहीं किया जा सकता है.

नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है और इसी बजट सत्र में पास हो सकता है. सोमवार को असम के एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए तेज हजारिका ने कहा, ''मैं राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए मेरे पिता को मरणोपरांत दिया जानेवाला 'भारत रत्न' स्वीकार नहीं करूंगा.'' 67 वर्षीय तेज प्रकाशक, लेखक और शिक्षक हैं और न्यूयॉर्क में रहते हैं. हालांकि, अब तक उनकी ओर से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

कौन है भूपेन हजारिका

भूपेन हजारिका असम के विख्यात गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्मकार थे. उन्होंने असम और पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति और लोक संगीत को मुखय धारा से जोड़ा. भूपेन हजारिका को 1975 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय ़फिल्म पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), पद्मश्री (1977), और पद्मभूषण (2001) से सम्मानित किया गया था.

नागरिकता संशोधन विधेयक का लेकर विरोध जारी 

दरअसल, असम समेत समूचे पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक पर कई दिनों से प्रदर्शन जारी हैं और सैकड़ों प्रदर्शनकारी हिरासत में हैं. पूर्वोत्तर के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ करता है. साथ ही यह विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता देने की बात करता है, जबकि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) में धर्म का कोई जिक्र नहीं. एनआरसी की समूची प्रक्रिया इस विधेयक से बेकार हो जाएगी.

क्या है कानून

नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के तहत नागरिकता कानून-1955 में संशोधन कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इन देशों से बिना वैध यात्रा दस्तावेज के भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नया कानून भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करेगा.

Web Title: bhupen hazarika son tej rejected bharat ratna for Citizenship Amendment Bill

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