BHU के विशेषज्ञों ने बताया, कोरोना की दोनों वैक्सीन ले चुके व्यक्ति संक्रमण के बाद भी हैं सुरक्षित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2022 09:01 PM2022-01-23T21:01:21+5:302022-01-23T21:09:35+5:30
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के एक्स-रे विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों डॉक्टर आशीष वर्मा और डॉक्टर ईशान कुमार की टीम ने अपने किये अध्ययन में इस बात का दावा किया है
कोरोना महामारी से त्रस्त पूरी दुनिया के लिए एक राहत की खबर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से आ रही है। कोरोना संक्रमण से भय में जीने वाले व्यक्तियों के लिए यह खबर वाकई सुकून देने वाली है।
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के एक्स-रे विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों डॉक्टर आशीष वर्मा और डॉक्टर ईशान कुमार की टीम ने इस बात का पता लगाया है कि अगर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले व्यक्ति को किसी कारण से कोविड संक्रमण होता है तब भी वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन पर संक्रमण का कोई खास असर नहीं होगा।
इस परिणाम की खोज डॉक्टर आशीष वर्मा और डॉक्टर ईशान कुमार के नेतृत्व में डॉक्टर रामचंद्र शुक्ला, डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह और डॉक्टर रितु ओझा ने मिलकर की है।
इस मामले में जानकारी देते हुए डॉक्टर आशीष वर्मा ने बताया कि हमारी टीम ने अपने अध्ययन में पता लगाया है कि कोविड टीकाकरण से लोगों में गंभीर और जटिल बीमारियों से लड़ने के लिए एक सामान्य प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होती है और अगर टीके लगने के बाद किसी को कोविड संक्रमण होता है तब भी वह व्यक्ति संक्रमण के घातक परिणामों से बचा रह सकता है।
बीएचयू ने इस मामले में ट्वीट करके जानकारी दी है कि डॉक्टर आशीष वर्मा और डॉक्टर ईशान कुमार के कोरोना संबंधित इस महत्वपूर्ण अध्ययन को यूरोपीय रेडियोलॉजी नामक पत्रिका ने अपने यहां प्रकाशित किया है।
#BHUResearchFlash#MakingBHUProud
— BHU Official (@bhupro) January 23, 2022
A study by physicians in Dept. of #Radiodiagnosis at #Institute of #Medical#Sciences, #BHU, has concretized the notion that #vaccination means #protection from #Covid19. The study underlines need of even greater focus on widespread vaccination. pic.twitter.com/Uu4SS8L5A4
इस अध्ययन के लिए बीएचयू के विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण के प्रभाव का पता लगाने के लिए हाई रेजोल्यूशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (सीटी स्कैन) का विश्लेषण किया और इस अध्ययन के परिणामों को तीन श्रेणियों में बांटा।
इसमें पहली श्रेणी में ऐसे लोगों को रखा गया था, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था। वहीं दूसरी श्रेणी में उन लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की केवल पहली डोज ली थी और तीसरी श्रेणी में उन लोगों को रखा गया था जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा रखी थी।
इस तीनों ही श्रेणियों के लोगों के केवल सीटी स्कैन का अध्ययन किया गया। जिसके परिणाम विशेषज्ञों ने पाया कि जिन लोगों को टीकाकरण की दोनों खुराकें ली थीं, उनमें एक डोज या कोई भी डोज न लेने वालों के मुकाबले में रोग का लक्षण नहीं के बराबर दिखाई दिया है।