भीमा कोरेगांव मामलाः गौतम नवलखा ने एनआईए के समक्ष समर्पण किया, एल्गार मामले में आनंद तेलतुंबडे अरेस्ट
By भाषा | Published: April 14, 2020 04:02 PM2020-04-14T16:02:32+5:302020-04-14T16:36:38+5:30
उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किये जाने के बाद इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया था। 17 मार्च, 2020 को शीर्ष अदालत ने इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था।
मुंबई/नई दिल्लीःनागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने उच्चतम न्यायालय से राहत विस्तार नहीं मिलने के बाद मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नवलखा को उच्चतम न्यायालय ने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
उन्हें 2018 के भीमा कोरेगांव दंगे में कथित संलिप्तता को लेकर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है। सालों से मुम्बई से निकलने वाले इकोनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली जर्नल के संपादक नवलखा उन पांच मानवाधिकार कायकर्ताओं में से एक हैं जिन्हें माओवादियों के साथ कथित संबंधों और भीमा कोरेगांव हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने 16 मार्च को नवलखा को तीन सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। दरअसल नवलखा ने इस आधार पर राहत बढ़ाने की अर्जी लगायी थी कि कोविड-19 महामारी के दौरान जेल जाने का मतलब एक प्रकार का मृत्युदंड है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने आठ अप्रैल को कहा था कि आरोपी को अग्रिम जमानत रद्द होने के अदालत के फैसले तथा तीन सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने के निर्देश का सम्मान करना चाहिए। नवलखा ने अपने विरुद्ध लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
दिल्ली: कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सामने सरेंडर कर दिया। pic.twitter.com/MrQfI8rsm6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2020
एनआईए ने एल्गार मामले में बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले तेलतुम्बडे ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार एनआईए के दक्षिण मुंबई के कम्बाला हिल स्थित कार्यालय में आत्मसमर्पण किया और इसके बाद एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने बताया कि तेलतुम्बडे को जल्द ही यहां एक अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा।
इससे पूर्व तेलतुम्बडे अपनी पत्नी रामा तेलतुम्बडे और अपने रिश्तेदार तथा दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के साथ आत्मसमर्पण करने के लिए यहां एनआईए के कार्यालय पहुंचे थे। मामले में एक सह-आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भी दिल्ली में एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उनकी अग्रिम जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी थी। अधिकारी के अनुसार नवलखा को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मुंबई में अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा।
शीर्ष अदालत ने 17 मार्च, 2020 को इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था। माओवादियों से संबंध के आरोप में तेलतुम्बडे, नवलखा और नौ अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किये गये हैं। इन कार्यकर्ताओं को शुरुआत में कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और बयान दिये थे जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने कहा कि वे प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य हैं। इसके बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। बम्बई उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तेलतुम्बडे और सह-आरोपी गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किये जाने के बाद इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।