भीमा-कोरेगांव हिंसा केस: फादर स्टेन स्वामी का कंप्यूटर हैक कर प्लांट किए गए थे 44 आपत्तिजनक दस्तावेज - रिपोर्ट

By अनिल शर्मा | Published: December 14, 2022 10:22 AM2022-12-14T10:22:12+5:302022-12-14T11:08:54+5:30

यह रिपोर्ट स्टेन स्वामी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आरोपों पर कई सवाल खड़े करती है, जिसने पुजारी और कथित माओवादी नेताओं के बीच कथित इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार का आरोप लगाया था।

Bhima-Koregaon case Father Stan Swamy's computer was hacked 44 objectionable documents were planted | भीमा-कोरेगांव हिंसा केस: फादर स्टेन स्वामी का कंप्यूटर हैक कर प्लांट किए गए थे 44 आपत्तिजनक दस्तावेज - रिपोर्ट

भीमा-कोरेगांव हिंसा केस: फादर स्टेन स्वामी का कंप्यूटर हैक कर प्लांट किए गए थे 44 आपत्तिजनक दस्तावेज - रिपोर्ट

Highlightsरिपोर्ट स्टेन स्वामी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आरोपों पर कई सवाल खड़े करती है।स्वामी को 2020 में कथित आतंकी लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी। स्टेन स्वामी के कंप्यूटर में एक अज्ञात साइबर हैकर ने दस्तावेज प्लांट किए थे।

नई दिल्ली: एक अमेरिकी फोरेंसिक फर्म की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 83 वर्षीय एक्टिविस्ट-पुजारी फादर स्टेन स्वामी के कंप्यूटर को हैक कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज प्लांट किए गए थे। स्वामी को 2020 में कथित आतंकी लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी। 

यह रिपोर्ट स्टेन स्वामी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आरोपों पर कई सवाल खड़े करती है, जिसने पुजारी और कथित माओवादी नेताओं के बीच कथित इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि स्टेन स्वामी के कंप्यूटर में एक अज्ञात साइबर हैकर ने दस्तावेज प्लांट किए थे।

फादर स्टेन स्वामी के वकीलों द्वारा रखे गए बोस्टन स्थित एक फोरेंसिक संगठन आर्सेनल कंसल्टिंग का कहना है कि तथाकथित माओवादी पत्रों सहित लगभग 44 दस्तावेज एक अज्ञात साइबर हैकर ने लगाए थे। हैकर ने स्वामी के कंप्यूटर का पांच साल तक एक्सेस प्राप्त किया था। 2014 से शुरू होकर 2019 में तक हैकर ने स्टेन के कंम्प्यूटर तक पहुंच बनाए रखा। गौरतलब है कि इसी वक्त में जांच एजेंसी छापेमारी भी की थी। 

आर्सेनल कंसल्टिंग का कहना है कि उसके पास डिजिटल फोरेंसिक में काम करने का व्यापक अनुभव है और उसने बोस्टन मैराथन बम विस्फोट मामले जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की है।

आदिवासियों के बीच काम करने वाले झारखंड के एक जेसुइट पुजारी स्वामी को भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था, इस कदम की व्यापक निंदा हुई थी। आलोचना तब बढ़ गई जब कोविड से संबंधित जटिलताओं के कारण एक वर्ष के भीतर उनकी मृत्यु हो गई। फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु की खबर पर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने समाचार को "विनाशकारी" कहा और कहा कि पादरी को "आतंकवाद के झूठे आरोप" में कैद किया गया था।

Web Title: Bhima-Koregaon case Father Stan Swamy's computer was hacked 44 objectionable documents were planted

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