भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र हमले के शिकार हुए दलित प्रोफेसर रविकांत का किया समर्थन, बढ़ा विवाद

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 27, 2022 03:32 PM2022-05-27T15:32:27+5:302022-05-27T15:44:11+5:30

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद लखनऊ यूनिवर्सिटी पहुंचकर दलित प्रोफेसर रविकांत पर हुए हमला की तीखी आलोचना की, जिसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में नया विवाद पैदा हो गया। आजाद के दौरे के दौरान कुछ छात्रों ने हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेकर नारेबाजी की वहीं आजाद के समर्थन में कई दलित छात्रों ने 'जय भीम' के नारे लगाये।

Bhim Army's Chandrashekar Azad supported Professor Ravikant, who was the victim of student attack in Lucknow University, increased controversy | भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र हमले के शिकार हुए दलित प्रोफेसर रविकांत का किया समर्थन, बढ़ा विवाद

फाइल फोटो

Highlightsभीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने एलयू में प्रोफेसर रविकांत पर हुए हमले का विरोध कियाप्रोफेसर रविकांत के समर्थन में चंद्रशेखर आजाद पहुंचे एलयू, छात्रों के बीच हुआ जमकर बवाल कुछ छात्रों ने हिंदू देवी-देवताओं के नारे लगाये, विरोध में दलित छात्रों ने 'जय भीम' के नारे लगाये

लखनऊ: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी का दौरा किया और दलित प्रोफेसर रविकांत के समर्थन में खड़े होने की बात कही, जिससे यूनिवर्सिटी कैंपस में सियासत तेज हो गई है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी इस महीने के शुरूआत में उस समय राजनीति विवाद में घिरा गया था, जब प्रोफ्रेसर रविकांत ने ज्ञानवापी मामले में विवादित टिप्पणी कर दी थी और उसके बाद कथित तौर पर एबीवीपी के छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ आंदोलन कर दिया था और उनके साथ हिंसक मारपीट भी की गई थी।

इस मामले में प्रोफेसर रविकांत का समर्थन करने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में पहुंचे भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "यह बहुत ही दुखद है कि प्रोफेसर रविकांत पर हमला करने वाले छात्रों के खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई सख्त एक्शन नहीं लिया है, जबकि प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली है।

इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि अगर यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रोफेसर रविकांत पर हमला करने वालों छात्रों के खिलाफ अगर सख्त एक्शन नहीं लिया जाता है तो भीम आर्मी आंदोलन करेगा।

दलित प्रोफेसर को पहली बार 10 मई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने उनके खिलाफ नारे लगाए थे। फिर 18 मई को विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में एलयू के एक छात्र ने उसे थप्पड़ मार दिया।

समाचार वेबसाइट 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक चंद्रशेखर आजाद के लखनऊ यूनिवर्सिटी जाने से भारी विवाद पैदा हो गया है। उसके दौरे के समय छात्रों के एक दुट ने हिंदू देवता के नाम पर नारे लगाए तो वहीं दलित छात्रों ने चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों ने 'जय भीम' के नारे लगाए।

उसके बाद छात्रों का एक समूह आजाद के दौरे पर आपत्ति जताते हुए वाइस चांसलर आलोक कुमार राय से मुलाकात की और उन्हें विरोध ज्ञापन सौंपा।

वहीं प्रोफेसर रविकांत के हमले के विरोध में लखनऊ यूनिवर्सिटी टिचर्स एसोसिएशन (लूटा) ने भी वाइस चांसलर से मुलाकात करके अपना विरोध जताया है।

लूटा ने इस मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी कैंपस में 10 और 18 मई को प्रोफेसर रविकांत पर हुए  हमले को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया और हमलावर छात्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सीएम को लिखे पत्र में लूटा की ओर से कहा गया है, "लखनऊ यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रोफेसर रविकांत के साथ कुछ छात्रों द्वारा अभद्र व्यवहार और आपत्तिजनक नारेबाजी करने के खिलाफ टिचर्स एसोसिएशन विरोध करता है और कैंपस में अशांति पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करता है।"

मालूम हो कि प्रोफेसर रविकांत ने ऑनलाइन डिबेट के दौरान औरंगजेब द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के गिराए जाने के संदर्भ में कांग्रेसी नेता और स्वतंत्रता सेनानी पट्टाभि सीतारमैया की किताब 'पंख और पत्थर' का हवाला देते हुए कहा था कि व्यभिचार की शिकायत के बाद औरंगजेब ने काशी विश्वानथ मंदिर को गिराने का फरमान दिया था। वैसे प्रोफेसर रविकांत ने इस मामले में साथ में यही भी कहा था कि सितारमैया की कितब में लिखी यह बात कहीं से प्रमाणित नहीं है।

Web Title: Bhim Army's Chandrashekar Azad supported Professor Ravikant, who was the victim of student attack in Lucknow University, increased controversy

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