भवानीपुर उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया

By भाषा | Published: September 4, 2021 07:45 PM2021-09-04T19:45:41+5:302021-09-04T19:45:41+5:30

Bhawanipur by-election: Trinamool Congress welcomed the decision of the Election Commission | भवानीपुर उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया

भवानीपुर उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराये जाने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले का ‘‘स्वागत’’ किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रक्रिया को पटरी से उतारने का प्रयास करने का आरोप लगाया। इस सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रही हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की दो अन्य विधानसभा सीटों समसेरगंज और जंगीरपुर पर भी 30 सितंबर को ही चुनाव होगा। निर्वाचन आयोग ने इन सीटों पर चुनाव कराने की घोषणा दिन में नयी दिल्ली में की। हालांकि कोविड-19 स्थिति का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने राज्य की चार अन्य विधानसभा सीटों पर उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया, जो विधायकों के निधन और इस्तीफे के कारण खाली पड़ी हैं। बनर्जी का राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में यह लगातार तीसरा कार्यकाल है। हालांकि उन्हें विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा था। बनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा में एक सीट से निर्वाचित होना आवश्यक है। संविधान राज्य विधानमंडल या संसद के गैर-सदस्य को केवल छह महीने के लिए मंत्री पद पर बने रहने की अनुमति देता है। अटकलें लगाई जा रही थीं कि निर्वाचन आयोग कोविड-19 स्थिति के कारण उप-चुनाव कराने का आदेश शायद न दे। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री फरहाद हकीम ने कहा, ‘‘संवैधानिक मानदंडों के अनुसार उपचुनाव एक आवश्यकता थी लेकिन भाजपा संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के लिए प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही थी। हम निर्वाचन आयोग के फैसले की सराहना करते हैं। हम सभी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।’’ राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया था कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने पर सभी सीटों पर उपचुनाव और चुनाव एक साथ होना चाहिए। हमें नहीं पता कि एक सीट पर उपचुनाव और दो सीटों पर चुनाव कराना एक व्यावहारिक निर्णय है या नहीं। चूंकि महामारी की स्थिति अभी भी गंभीर है और तीसरी लहर का खतरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करते हैं।’’ भाजपा नेता ने कहा कि इस फैसले ने साबित कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस के ये आरोप कि निर्वाचन आयोग को भाजपा द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है, झूठे हैं। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आश्चर्य जताया कि शहरी निकायों के चुनाव में देरी क्यों हो रही है जबकि राज्य विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं जहां तृणमूल कांग्रेस को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि निर्वाचन आयोग का यह स्वागत योग्य फैसला है क्योंकि मतगणना के छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘(उपचुनाव) की तारीख की घोषणा संवैधानिक दृष्टिकोण से स्वागत योग्य है। लेकिन केवल भवानीपुर और दो सीटें ही क्यों? अन्य सीटों पर उपचुनाव और अन्य सीटों पर चुनाव क्यों नहीं?’’बनर्जी पूर्व में भवानीपुर सीट से दो बार चुनाव जीतीं है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़कर अधिकारी को चुनौती देने का फैसला किया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इस सीट से विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था जिससे यह सीट रिक्त हो गई थी और इस सीट से बनर्जी के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया था।

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Web Title: Bhawanipur by-election: Trinamool Congress welcomed the decision of the Election Commission

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