भारत बंदः हिंसा को काबू करने के लिए MP-UP में केंद्र सरकार ने भेजे 800 रैपिड एक्शन फोर्स के जवान

By भाषा | Published: April 2, 2018 06:32 PM2018-04-02T18:32:44+5:302018-04-02T18:32:44+5:30

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां और आगरा तथा हापुड़ के लिए एक-एक कंपनी भेजी गई है।

bharat band narendra modi government sent 800 raf jawans in up and mp due violence | भारत बंदः हिंसा को काबू करने के लिए MP-UP में केंद्र सरकार ने भेजे 800 रैपिड एक्शन फोर्स के जवान

भारत बंदः हिंसा को काबू करने के लिए MP-UP में केंद्र सरकार ने भेजे 800 रैपिड एक्शन फोर्स के जवान

नई दिल्ली, 2 अप्रैलः केंद्र ने दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शनों के बाद सोमवार को 800 दंगा रोधी पुलिसकर्मियों को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भेजा। दलित संगठन अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून को कथित तौर पर कमजोर किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां और आगरा तथा हापुड़ के लिए एक-एक कंपनी भेजी गई है। आरएएफ की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं।

स्थिति से निपटने में राज्य प्रशासन की मदद करने के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भोपाल दो-दो कंपनियां भेजी गई हैं। गोलीबारी में एक छात्र नेता के मारे जाने तथा कई अन्य के घायल हो जाने के बाद मुरैना, ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सहित कई जिलों से हिंसा की खबर है जहां प्रदर्शनकारियों ने दो सरकारी बसों को आग लगा दी जिससे कई यात्री घायल हो गए। आगरा, हापुड़ और मेरठ में प्रदर्शन हिंसक हो उठा। 

वहीं, केंद्र सरकार ने एससी/एसटी ऐक्ट ( SC/ST Act) पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाया था। जिसपर पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तमाम दलित संगठन समेत कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। खुद बीजेपी के कई नेताओं ने इस फैसले पर पूर्नविचार की सिफारिश की थी।  

अनुसूचित जाति/ जनजाति( अत्याचार रोकथाम) कानून के कुछ प्रावधानोंके संबंध में उच्चतम न्यायालय के 20 मार्च के फैसले को लेकर दलित संगठन और विपक्ष नाराज है जिनका दावा है कि कानून को हल्का किए जाने से पिछड़े समुदाय के खिलाफ भेदभाव तथा अपराधों में और इजाफा होगा।

Web Title: bharat band narendra modi government sent 800 raf jawans in up and mp due violence

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