भंडारा अस्पताल अग्निकांड: उद्धव ठाकरे सरकार ने सिविल सर्जन और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित किया, 6 के खिलाफ कार्रवाई

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 22, 2021 12:59 PM2021-01-22T12:59:52+5:302021-01-22T13:01:19+5:30

भंडारा जिला सामान्य अस्पताल के अति सतर्कता नवजात केयर यूनिट (एसएनसीयू) में 9 जनवरी की रात 2 बजे आग लग गई थी।

Bhandara hospital fire Uddhav Thackeray government suspends civil surgeon two other employees action against 6 | भंडारा अस्पताल अग्निकांड: उद्धव ठाकरे सरकार ने सिविल सर्जन और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित किया, 6 के खिलाफ कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बृहस्पतिवार को बताया कि घटना के सिलसिले में अवर सिविल सर्जन का तबादला भी कर दिया गया है। (file photo)

Highlightsअग्निकांड में तीन बच्चों की जलने एवं 7 की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस समिति की कमान विभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार को सौंप दी थी।अग्निकांड की जांच स्वास्थ्य संचालक डॉ. साधना तायडे की अध्यक्षता में गठित समिति के मार्फत होनी थी।

मुंबईः भंडारा जिला सामान्य अस्पताल के अग्निकांड की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य संचालक डॉ. साधना तायडे ने विभागीय आयुक्त एवं जांच समिति अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार को सौंप दी। घटना के 11 दिन बाद रिपोर्ट सौंपी गई है।

महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में आग लगने की घटना के संबंध में राज्य सरकार ने जिले के सिविल सर्जन और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और तीन लोगों को ड्यूटी में लापरवाही के दोष में नौकरी से निकाला गया है। भंडारा जिला अस्पताल के विशेष शिशु देखभाल केन्द्र में नौ जनवरी को लगी आग में 10 बच्चों की मौत हो गई थी।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बृहस्पतिवार को बताया कि घटना के सिलसिले में अवर सिविल सर्जन का तबादला भी कर दिया गया है। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा गठित समिति ने बुधवार देर शाम अपनी रिपोर्ट सौंपी, उसी के आधार पर कार्रवाई की गई है। टोपे ने कहा कि अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही के मद्देनजर कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र सरकार ने नौ जनवरी को ही घटना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की थी।

नागपुर के संभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने जांच की अगुवाई की। टोपे ने कहा कि सरकार ने भंडारा जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोदी खंडाते को निलंबित किया है, अवर सिविल सर्जन डॉक्टर सुनीला बड़े का तबादला किया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त ड्यूटी पर मौजूद मेडिकल अधिकारी डॉक्टर अर्चना मेश्राम और एसएनसीयू की प्रभारी नर्स ज्योति भास्कर को भी ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है।

टोपे ने कहा कि ईकाई के शिशु रोग विशेषज्ञ सुशील अम्बाडे और संविदा पर कार्यरत नर्सों स्मिता संजय अम्बिल्दुके और शुभांगी साठवाणे को नौकरी से निकाल दिया गया है। मंत्री ने कहा कि उनके विभाग ने समिति की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, नौ जनवरी को देर रात एक से डेढ़ बजे के बीच रेडिएंट बेबी वार्मर के कंट्रोल पैनल में स्पार्क हुआ था। टोपे ने कहा, ‘‘चिंगारी के कारण ही आग लगी... वार्मर के पास ज्वलनशील वस्तु (जैसे रूई) रखी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। इन कारणों से आग फैल गई। कमरा (एसएनसीयू) बंद था। लेकिन वहां प्लास्टिक का सामान होने के कारण आग बुझ गई और चारो ओर धुआं फैल गया।’’ उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से तीन बच्चों की मौत जलने से और सात की मौत दम घुंटने से हुई है। 

Web Title: Bhandara hospital fire Uddhav Thackeray government suspends civil surgeon two other employees action against 6

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