भैरों सिंह शेखावत: राजस्थान के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री, पुलिस की नौकरी छोड़कर शुरू कर दी थी खेती
By रामदीप मिश्रा | Published: October 23, 2018 07:55 AM2018-10-23T07:55:03+5:302018-10-23T07:57:50+5:30
Bhairon Singh shekhawat birth anniversary (भैरों सिंह शेखावत जयंती): भैरोंसिंह का जन्म 23 अक्टूबर 1923 हुआ था। उनका जन्मस्थल सीकर जिले का खाचरियावास गांव है।
राजस्थान के एक ऐसा नेता जो बेहद सामान्य परिवार से आते थे, जिन्होंने धीरे-धीरे प्रदेश की राजनीति में अपनी धाक जमाई और लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं उनके कदम प्रदेश की राजनीति तक सीमित नहीं रहे बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी एंट्री मारकर देश के 11वें उपराष्ट्रपति बने। दरअसल, हम बात कर रहे हैं भैरों सिंह शेखावत की। आज उनकी जयंती है। ऐसे मौके पर आपको बताते हैं उनसे जुड़ी 10 अहम बातें...
1- भैरों सिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर 1923 हुआ था। उनका जन्मस्थल सीकर जिले का खाचरियावास गांव है। उनके पिता का नाम देवी सिंह शेखावत और माता का नाम बन्ने कंवर था।
2- उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने गांव की पाठशाला में शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद हाईस्कूल की शिक्षा गांव से तीस किलोमीटर दूर जाकर जोबनेर से प्राप्त की। यहां वह पैदल पढ़ने जाया करते थे।
3- बताया जाता है कि जब उन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया तो उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई।
4- पिता के निधन के बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी ज्वॉइन कर ली। हालांकि शेखावत का पुलिस की नौकरी में मन नहीं लगा और इस्तीफा देकर खेती-किसानी करने में जुट गए।
5- भारत की आजादी के बाद शेखावत ने 1952 में राजनीति में एंट्री मारी थी और विधायक बन गए। वे संघ के स्वयंसेवक रहे। 1948 में जनसंघ की सदस्यता ली। 1977 में राजस्थान के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने।
6-1980 में और शेखावत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। इसके बाद वह दूसरी बार 1990 और तीसरी बार 1993 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं, वह 1974 से 1977 तक राज्य सभा सदस्य भी रहे।
7-उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते कई विकास कार्य किए। शेखावत ने शिक्षा, बालिकाओं का उत्थान व उनका कल्याण, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और शारीरिक विकलांग लोगों की स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए।
8-शेखावत ने प्रदेश की आम जनता को परिवार नियोजन से लेकर राज्य के कई विकास पर पड़ने वाले गलत प्रभावों के बारे में जागरुक किया।
9-'अन्त्योदय' योजना के राजस्थान में सफल क्रियान्वयन से प्रभावित होकर यह योजना पूरे देश ने अपनाई। विश्व बैंक के तत्कालीन प्रमुख श्री रावर्ट मैकमारा ने तो भैरो सिंह को दूसरा राक फेयर की संज्ञा दी जिसने अमेरिका में शिक्षा, गरीबी उन्मूलन तथा समाज सेवा के क्षेत्र में विलक्षण कार्य किये।
10- भैरों सिंह शेखावत का निधन 15 मई 2010 को उस समय हुआ था जब वह जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे। उनका निधन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की वजह 86 साल की उम्र में हो गया था।