CAA विरोधी रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारा लगाने वाली अमूल्या लियोना को मिली जमानत, एक दिन पहले याचिका हुई थी खारिज
By विनीत कुमार | Published: June 12, 2020 07:42 AM2020-06-12T07:42:35+5:302020-06-12T07:44:09+5:30
सीएए-एनआरसी के खिलाफ आयोजित रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाकर विवादों में आईं छात्रा अमूल्या लियोना को गुरुवार को जमानत मिल गई। इससे पहले उनकी जमानत याचिका एक कोर्ट ने खारिज कर दी गई थी।
सीएए के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु में इसी साल फरवरी में एक रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली 10 साल की छात्रा अमूल्या लियोना को मजिस्ट्रेट कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिल गई। कॉलेज छात्रा अमूल्या को कोर्ट ने 'डिफ़ॉल्ट जमानत' दी क्योंकि निर्धारित समय में इस मामले में स्टेट की ओर से चार्जशीट पेश नहीं किया जा सका था। अमूल्या लियोना पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में पुलिस को अमूल्या की गिरफ्तारी के 90 दिन पूरा होने यानी 20 मई तक चार्जशीट दाखिल कर देना था। हालांकि, पुलिस 3 जून को ऐसा कर सकी थी। इसकी के बाद छात्रा के वकील ने सीआरपीसी के सेक्शन 167 (2) का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी।
इससे पहले एक दिन पूर्व यानी बुधवार को सेशन कोर्ट ने अमूल्या की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था, ‘यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है, या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ेगा।’
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका खारिज किये जाने योग्य है। कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन द्वारा 20 फरवरी को आयोजित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाये थे।
(भाषा इनपुट)
मौके पर मौजूद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख एवं हैदराबाद से पार्टी के सांसद असदु्दीन ओवैसी ने अमूल्या को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला नारा दोहराने से रोकने की कोशिश की थी। इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंगदी का सामना करना पड़ा था।
यह घटना उस वक्त हुई थी, जब अमूल्या को ‘हमारा संविधान बचाओ’ के बैनर तले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में एकत्र लोगों को संबोधित करने के लिये मंच पर बुलाया गया था।