बंगाल भाजपा प्रमुखः 2026 में विधानसभा चुनाव, सुकांत मजूमदार की जगह कौन लेगा?, ये नेता दावेदार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2025 18:37 IST2025-07-02T18:35:50+5:302025-07-02T18:37:29+5:30
Bengal BJP Chief: 2026 के विधानसभा चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, ऐसे में भाजपा संगठनात्मक बदलाव की तैयारी कर रही है।

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कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य का पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का अगला अध्यक्ष बनना तय है, क्योंकि बुधवार की समय सीमा तक किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है। पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी। भट्टाचार्य दोपहर में निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ भाजपा के सॉल्ट लेक स्थित कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। पार्टी के एक नोटिस के अनुसार, नामांकन दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।
उसके बाद शाम छह बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं और नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चूंकि केवल भट्टाचार्य ने ही नामांकन पत्र दाखिल किया है, इसलिए उन्हें बिना किसी मुकाबले के निर्वाचित घोषित किया जा सकता है। प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘शाम 4 बजे तक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ समिक भट्टाचार्य ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।
अध्यक्ष की घोषणा आज शाम या कल एक सम्मान समारोह में की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि यह घोषणा यहां साइंस सिटी में एक सम्मान समारोह के दौरान किए जाने की उम्मीद है। राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, ऐसे में भाजपा संगठनात्मक बदलाव की तैयारी कर रही है और भट्टाचार्य की नियुक्ति को इसी बड़ी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है। भाजपा के निर्वाचन अधिकारी और विधायक दीपक बर्मन ने चुनाव कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए एक अधिसूचना जारी की, जिससे इस बात को लेकर अटकलें शुरू हो गईं कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश इकाई की कमान किसे मिलेगी।
भट्टाचार्य के सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास का अचानक दौरा करने से अटकलों को बल मिला है। भट्टाचार्य बंगाल में पार्टी के शुरुआती दिनों से ही उसके साथ जुड़े हुए हैं। उन्हें एक निष्पक्ष और व्यापक रूप से स्वीकार्य चेहरा माना जाता है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘वह (भट्टाचार्य) पार्टी के भीतर गुटबाजी से काफी हद तक दूर रहे हैं।
स्पष्टवादी हैं, मीडिया की समझ रखते हैं और संगठन के भीतर उनका कोई विरोध नहीं दिखता है।’’ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न शक्तिशाली गुटों के बीच आंतरिक मतभेद चरम पर होने के कारण समिक जैसा कोई व्यक्ति एक सर्वसम्मत चेहरे के रूप में उभर सकता है।’’