EVM बनाने वाली कंपनी के सीएमडी ने कहा- मशीन से ‘छेड़छाड़ संभव नहीं’

By भाषा | Published: June 2, 2019 06:35 AM2019-06-02T06:35:22+5:302019-06-02T06:35:22+5:30

हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के विपक्षी पार्टियों के आरोपों पर वोटिंग मशीनों का बचाव करते हुए बीईएल के सीएमडी एसवी गौतम ने यहां पत्रकारों से कहा कि राजनीतिक दलों ने चुनावों से पहले जो ‘‘तूफान’’ खड़ा किया था वह धराशायी हो गया है।

BEL CMD Says 'tampering' is not possible with EVM | EVM बनाने वाली कंपनी के सीएमडी ने कहा- मशीन से ‘छेड़छाड़ संभव नहीं’

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नवरत्न कंपनियों में शामिल और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने शनिवार को कहा कि उसके द्वारा बनाई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ संभव नहीं है और लोकसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट के बीच ‘‘मिलान में विसंगति’’ का कोई भी मामला सामने नहीं आया।

हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के विपक्षी पार्टियों के आरोपों पर वोटिंग मशीनों का बचाव करते हुए बीईएल के सीएमडी एसवी गौतम ने यहां पत्रकारों से कहा कि राजनीतिक दलों ने चुनावों से पहले जो ‘‘तूफान’’ खड़ा किया था वह धराशायी हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ईवीएम और वीवीपैट के बीच मिलान ना होने का एक भी मामला नहीं मिला इसलिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि बीईएल द्वारा निर्मित ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है और इन ईवीएम के साथ कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती।’’

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र केवल ईवीएम का इस्तेमाल कर ही बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वोटिंग और वीवीपैट मशीनें यह सुनिश्चित करती है कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। गौतम ने कहा, ‘‘अगर किसी उम्मीदवार की कोई आशंका है तो वह चुनाव के बाद 45 दिन के भीतर अदालत जाने के लिए स्वतंत्र है...यह विकल्प उम्मीदवार के लिए मौजूद है।’’ कंपनी ने कहा कि इस बार 542 निर्वाचन क्षेत्रों में से करीब 400 में ईवीएम की आपूर्ति बीईएल ने की थी। बाकी क्षेत्रों में ईवीएम की आपूर्ति ईसीआईएल ने की थी।

गौतम ने कहा कि कंपनी को ईवीएम के निर्वाचन आयोग के ऑर्डर से 2,600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। आयोग की ओर से कोई लंबित ऑर्डर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हम मौजूदा वर्ष के दौरान अलग-अलग चुनावों के लिए राज्य सरकार से ऑर्डर की उम्मीद कर रहे हैं तथा ये संभवत: 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के नहीं होंगे।’’

लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) पर एक सवाल का जवाब देते हुए गौतम ने कहा कि कंपनी के पास अभी एलआरएसएएम के लिए 11 जहाजों का ऑर्डर है और मार्च 2020 तक जहाजों की पहली खेप भेजने की योजना है।

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