जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) पर मोदी सरकार ने इस वजह से लगाया है 5 साल का प्रतिबंध

By भाषा | Published: March 1, 2019 08:36 PM2019-03-01T20:36:41+5:302019-03-01T20:36:41+5:30

सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह संगठन दशकों से अपने अलगाववाद एवं पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादी एवं आतंकवादी तत्वों को वैचारिक और साजो-सामान संबंधी सहयोग प्रदान कर रहा है। 

Behind the Hurriyat and Hizbul Mujahideen, the brains of the restricted Jamaat-e-Islami JK: Government officials | जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) पर मोदी सरकार ने इस वजह से लगाया है 5 साल का प्रतिबंध

हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जम्मू कश्मीर का पाकिस्तान में विलय का समर्थन करता है।

Highlightsक अधिकारी ने कहा, ‘‘जेईल (जेएंडके) जम्मू कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के गठन के लिए जिम्मेदार है।अधिकारियों ने कहा कि राज्य खासकर दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर (जेईएल जेएंडके) के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हैं।

सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि जमात-ए-इस्लामी (जेईएल) ही जम्मू कश्मीर राज्य के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन के लिए जिम्मेदार है। केंद्र ने बृहस्पतिवार को इस आधार पर जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था। राज्य में उसकी आतंकवादी संगठनों के साथ साठगांठ है और वह अलगाववाद आंदोलन के और तेज होने की आशंका है।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह संगठन दशकों से अपने अलगाववाद एवं पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादी एवं आतंकवादी तत्वों को वैचारिक और साजो-सामान संबंधी सहयोग प्रदान कर रहा है। 

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जेईल (जेएंडके) जम्मू कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के गठन के लिए जिम्मेदार है। पाकिस्तान के सहयोग से ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन के पीछे भी जेएल का ही दिमाग है। ’’ 

अधिकारी ने बताया कि अलगावादियो और आतंकवादी रूझान के शख्सियतों का संगठन हुर्रियत जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित हिंसक आतंकवाद को वैचारिक समर्थन देता आ रहा है।

अधिकारी के अनुसार जेईएल (जेएंडके) के नेता जम्मू कश्मीर का भारत में विलय को चुनौती देते आ रहे हैं जिससे उसका अलगाववादी उद्देश्य बिल्कुल साफ नजर आता है।

अधिकारी ने कहा कि यह संगठन कश्मीर घाटी में अलगावादियों और कट्टरपंथियों के प्रचार प्रसार के लिए जिम्मेदार मुख्य संगठन है और वह हिज्बुल मुजाहिदीन को रंगरूटों की भर्ती, उसके लिए धन की व्यवस्था, आश्रय और साजो-सामान के संबंध में सभी प्रकार का सहयोग देता आ रहा है। 

अधिकारियों ने कहा कि राज्य खासकर दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर (जेईएल जेएंडके) के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हैं और हिज्बुल मुजाहिदीन पाकिस्तान के सहयोग से प्रशिक्षण दे रहा है और हथियारों की आपूर्ति कर रहा है एवं वह कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों की सक्रिय अगुवाई कर रहा है।

हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जम्मू कश्मीर का पाकिस्तान में विलय का समर्थन करता है।

अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पाकिस्तान में छिपा सलाहुद्दीन पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के गठबंधन यूनाइटेड जेहाद परिषद का अध्यक्ष भी है।

जेएल (जेएंडके) जमात -ए-इस्लामी हिंद के अंग के तौर पर 1945 में बना था और वह अपने मूल संगठन के साथ राजनीतिक विचारधारा में मतभेद को लेकर 1953 में उससे लग हो गया।

इस संगठन पर उसकी गतिविधियों को लेकर अतीत में दो बार प्रतिबंध लगाया गया। पहली बार 1975 में जम्मू कश्मीर सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार अप्रैल 1990 में केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था। दूसरी बार प्रतिबंध लगने के समय मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री थे।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जेईएल (जेएंडके)के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा तबका आतंकवादी संगठनों खासकर हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए खुल्लम-खुल्ला काम करता है।

Web Title: Behind the Hurriyat and Hizbul Mujahideen, the brains of the restricted Jamaat-e-Islami JK: Government officials

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