UP Elections 2022: चुनाव आयोग से अखिलेश यादव ने लगाई 'निर्वाचन-न्याय' की गुहार, शेयर की वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Published: January 17, 2022 01:04 PM2022-01-17T13:04:30+5:302022-01-17T13:54:08+5:30
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से 'निर्वाचन न्याय' की गुहार लगाई है। उन्होंने अमरोहा से बीजेपी विधायक महेंद्र खड़गवंशी द्वारा कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने को लेकर ट्वीट किया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। इसी क्रम में जहां पार्टी से इस्तीफा देकर कई विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए तो वहीं अमरोहा से बीजेपी विधायक महेंद्र खड़गवंशी द्वारा कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को चुनाव आयोग से 'निर्वाचन न्याय' की अपील करते हुए नजर आए।
अखिलेश यादव ने आचारसंहिता का उल्लंघन को लेकर किया ट्वीट
यादव ने इस सिलसिले में ट्वीट कर लिखा, "सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी लेकिन 'कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री' व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। 'निर्वाचन-न्याय' को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है! कोई है ?????????" ट्वीट में एक वीडियो भी दिख रहा है, जिसमें बीजेपी विधायक महेंद्र खड़गवंशी द्वारा कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने और आदर्श चुनावी आचारसंहिता का उल्लंघन कर जुलूस निकाला जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की है।
सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी लेकिन ‘कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री’ व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 17, 2022
‘निर्वाचन-न्याय’ को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है!
कोई है ????????? https://t.co/kSGWek6pGa
चुनाव आयोग ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने लखनऊ कार्यालय में 'वर्चुअल रैली के नाम से' एक सार्वजनिक सभा आयोजित करने को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) को चुनाव आयोग ने बीते शनिवार को एक नोटिस जारी किया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले सपा के शुक्रवार के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए नोटिस में कहा गया है कि उपलब्ध सामग्री और विषय में जारी निर्देशों पर विचार करने के बाद, चुनाव आयोग ने पार्टी को इस 'उल्लंघन' के बारे में अपना रुख स्पष्ट करने का एक मौका देने का फैसला किया है।
सपा महासचिव को भेजा गया था नोटिस
सपा महासचिव को भेजे गये नोटिस में कहा गया है, ''आपका स्पष्टीकरण, नोटिस प्राप्त करने के 24 घंटे के अंदर आयोग के पास पहुंचना चाहिए, जिसमें नाकाम रहने पर आयोग आपको सूचित किये बगैर विषय में उपयुक्त फैसला लेगा।'' उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में होने जा रहे हैं। महामारी के मद्देनजर जनसभाओं और रैली पर वर्तमान में प्रतिबंध है।
नोटिस में, लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा के कार्यालय परिसर में एक सार्वजनिक सभा में आयोग के कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन किये जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने अपनी रिपोर्ट में सूचित किया है कि गौतमपल्ली पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले उक्त परिसर में सपा द्वारा वर्चुअल रैली के नाम पर सार्वजनिक सभा का आयोजन कर मौजूदा कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया।
14 जनवरी को एक प्राथमिकी दर्ज की गई
आयोग ने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने यह भी सूचित किया है कि भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत सपा के 2,000 से 2,500 राजनीतिक पदाधिकारियों के खिलाफ 14 जनवरी को एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव प्रक्रिया में अहम हितधारक हैं और वे, यहां तक कि चुनौतीपूर्ण समय में भी, चुनाव कराने के लिए आयोग के चुनावी दायित्वों के निर्वहन में हमेशा उसकी सहायता करते हैं। आयोग ने कहा, ''राजनीतिक दलों से, चुनाव के दौरान कानून का बखूबी पालन कर लोगों के बीच उच्च मानदंड स्थापित करने की उम्मीद की जाती है। '' आयोग ने कहा, ''उपलब्ध रिपोर्ट से, प्रथम दृष्टया, यह पता चलता है कि सपा ने चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया है।''
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)