इंद्राणी मुखर्जी के इस बयान के आधार पर सीबीआई ने कसा चिदंबरम पर शिकंजा!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2019 03:02 PM2019-08-22T15:02:06+5:302019-08-22T15:02:06+5:30

इस केस में इंद्राणी मुखर्जी एक अहम कड़ी है जिसके बयान के आधार पर सीबीआई ने चिदंबरम पर शिकंजा कसा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

Based on this statement of Indrani Mukherjee, CBI tightens its grip on Chidambaram! | इंद्राणी मुखर्जी के इस बयान के आधार पर सीबीआई ने कसा चिदंबरम पर शिकंजा!

इंद्राणी मुखर्जी

Highlightsकार्ति चिदंबरम को भी 23 दिन जेल में रहना पड़ा था और बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।कार्ति और पी चिदंबरम की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इसी मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी 23 दिन जेल में रहना पड़ा था और बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। इस केस में इंद्राणी मुखर्जी एक अहम कड़ी है जिसके बयान के आधार पर सीबीआई ने चिदंबरम पर शिकंजा कसा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

क्या है इंद्राणी मुखर्जी का अहम बयान

कार्ति और पी चिदंबरम की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई। उसने कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने स्वीकार कर लिया था। कार्ति ने इस घूंस की मांग दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में की थी। उस वक्त कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

कौन है इंद्राणी मुखर्जी

इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक है। इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी। पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था। फिलहाल शीना बोरा हत्याकांड में मुखर्जी दंपति जेल में बंद हैं। शीना बोरा इंद्राणी और उनके पहले पति की बेटी थी।

तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति फिलहाल जमानत पर हैं। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 मार्च 2018 को जमानत दी थी। सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी दिये जाने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। इसके बाद ईडी ने भी कंपनी के संस्थापकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी और अन्य के खिलाफ धन शोधन कानून के तहत मामला दर्ज किया था। कार्ति को 28 फरवरी 2018 को सीबीआई ने ब्रिटेन से उनके लौटने के बाद गिरफ्तार किया था।

Web Title: Based on this statement of Indrani Mukherjee, CBI tightens its grip on Chidambaram!

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